छह वर्ष के फेर में फंसे दो हजार बच्चे, नहीं हो पा रहा दाखिला

छह वर्ष के फेर में फंसे दो हजार बच्चे, नहीं हो पा रहा दाखिला

 बलिया, परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ने पर जोर दिया जा रहा है। इस बीच शासन की ओर से आए एक आदेश ने प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों सहित अभिभावकों को परेशान कर दिया है। कक्षा एक में प्रवेश के लिए 6 वर्ष की उम्र निर्धारित की है। 6 वर्ष के फेर में जिले में करीब 2000 बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश नहीं हो पा रहा है।

1 अप्रैल तक 6 वर्ष की आयु पूरा करने वाले छात्र का ही कक्षा एक में प्रवेश होना है। ऐसे में जिन अभिभावकों ने बच्चों का आधार नहीं बनवाया है। वह नामांकन करने के दौरान परेशानी झेल रहे हैं। आधार से जुड़ी यह समस्या प्रधानाध्यापकों के लिए भी परेशानी का सबब बन गई है। बीते दिनों शिक्षा निदेशक बेसिक ने प्रदेश के सभी बीएसए को शैक्षिक सत्र 2024-25 में छात्र-छात्राओं के नामांकन के संबंध में आदेश जारी किया था। इसके तहत निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के शत प्रतिशत बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जानी है। कक्षा एक में ऐसे छात्रों का नामांकन होना है। जिनकी आयु 1 अप्रैल 2024 को 6 वर्ष पूर्ण हो चुकी हो।

6 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नामांकन किसी भी दशा में नहीं लिया जाएगा। विद्यालयों में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चों को लेकर पहुंच रहे अभिभावकों से जब उनकी उम्र पूछी जा रही है तो कम निकल रही है। कुछ अभिभावक प्रवेश कराने के लिए उम्र छह वर्ष बता रहे हैं, लेकिन इस बात का प्रमाण नहीं दे पा रहे हैं। उनके पास बच्चे का आधार कार्ड नहीं है। इसके साथ ही जन्म प्रमाणपत्र भी नहीं दे पा रहे हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो जिले में संचालित 2249 परिषदीय विद्यालयों से 2000 बच्चे बिना प्रवेश के ही वापस चले गए हैं।

5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का बन रहा आधार कार्ड

बच्चों के अभिभावक परशुराम, उमेश, दीनदयाल और महेश ने बताया परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का आधार कार्ड बन रहा है, लेकिन 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का ही बन रहा है। ऐसे में बच्चे का प्रवेश कराने में दिक्कत हो रही है। शिक्षक कहते हैं कि छह वर्ष का बच्चा हो तो प्रवेश मिलेगा। जन्म प्रमाणपत्र बच्चे का है नहीं है, जिससे बच्चे का प्रवेश हो सके। ऐसे में बच्चों को बिना प्रवेश के ही विद्यालयों वापस भेजा जा रहा है।

शिक्षा निदेशक के जो निर्देश हैं, उनसे सभी शिक्षकों को अवगत करा दिया गया है। उसी के अनुसार विद्यालयों में बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। पांच या उससे कम उम्र के बच्चों का प्रवेश आंगनबाड़ी केंद्रों के बाल वाटिका में किया जाएगा। किसी भी दशा में बच्चों के नामांकन में कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। 

- मनीष कुमार सिंह, बीएसए।