जलेसर में बन रहा दिव्यांग स्कूल, इसी सत्र से शुरू होगी पढ़ाई
एटा, राज्य निधि योजना से जलेसर में दिव्यांग विद्यालय का निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है। 19 करोड़ की लागत से बन रहा दिव्यांग विद्यालय एक माह में बनकर तैयार हो जाएगा। अगर समय से स्कूल बनकर तैयार हो गया तो अगले शिक्षा सत्र से दिव्यांगों का प्रवेश कर शिक्षण कार्य हो सकेगा।
जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि राज्य निधि योजना के तहत 19 करोड़ की लागत से एटा-जलेसर मार्ग पर आईटीआई के निकट दिव्यांग विद्यालय बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह विद्यालय एक माह में बनकर तैयार हो जाएगा। जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी ने बताया कि विद्यालय में 360 दिव्यांगों को प्रवेश कर पठन-पाठन कराने की सुविधा रहेगी।
साथ ही 50 दिव्यांग बालक-50 बालिकाओं को रहने के लिए हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध रहेगी। जिला दिव्यांगजन कल्याण कार्यालय की देखरेख में बन रहा विद्यालय एकमात्र विद्यालय है, जहां पर सिर्फ दिव्यांगजनों को पढ़ाने का कार्य किया जाएगा।
दिव्यांगों के लिए परिषदीय स्कूलों में नहीं है शौचालय एटा। अमित कुमार यादव ने बताया कि जनपद के 1691 परिषदीय विद्यालय हैं। इस पर्याप्त संख्या में से केवल 248 स्कूलों में विकलांग बच्चों के लिए कार्यात्मक शौचालय हैं। यह चिंताजनक आंकड़ा एक कड़वी सच्चाई को उजागर करता है।
जिले के अधिकांश स्कूलों में दिव्यांग छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का अभाव है। सुगम्य शौचालयों की अनुपस्थिति दिव्यांग छात्रों की शैक्षणिक यात्रा में एक बाधा है। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम का आदेश स्पष्ट है शैक्षणिक संस्थानों को एक ऐसा वातावरण बनाना चाहिए, जो सभी छात्रों की उनकी शारीरिक क्षमताओं की परवाह किए बिना निर्बाध भागीदारी की सुविधा प्रदान करे।
परिषदीय विद्यालयों में वर्तमान में 1,20,000 से अधिक छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। असमानता और भी अधिक स्पष्ट हो जाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि केवल 1300 विकलांग छात्रों को ही समर्थ पोर्टल के माध्यम से आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई है। जिला निरीक्षक के दायरे में आने वाले स्कूलों पर ध्यान केंद्रित करने पर, केवल 65 विकलांग छात्र नामांकित हैं।
12095 में से 10075 दिव्यांगों को मिल रही पेंशन
एटा, जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 12095 दिव्यांग हैं, जिनमें से 10 हजार 075 को पेंशन मिल रही है। इसके अलावा शेष दिव्यांगों के आवेदन पत्रों में आधार कार्ड, सहित अन्य कमियां दूर कर नवीन स्वीकृति के तहत पेंशन प्रदान की जाएगी।
कोरोना काल में बंद हो गया मूक-बधिर दिव्यांग स्कूल
एटा, जनपद में मूक-बघिर दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष तरह से शिक्षा दिलाये के लिए बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से विद्वालय कांशीराम कालोनी में संचालित हो रहा था। कोरोना काल में संक्रमण फैलने की डर से शासन ने स्कूल बंद करा दिया। उसके बाद दिव्यांग, मूक-बघिर बच्चों को स्कूल और घर पर ही शिक्षा दिलाने का कार्य कराया जा रहा है।