तबादले को लेकर शिक्षकों के बीच बनी हुई है भारी संशय की स्थिति

तबादले को लेकर शिक्षकों के बीच बनी हुई है भारी संशय की स्थिति

प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की अन्तः जनपदीय स्थानान्तरण के साथ अब पारस्परिक अन्तः जनपदीय तबादले की प्रक्रिया भी अटकती नजर आ रही है। बेसिक शिक्षा परिषद ने अब इस कार्य को शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची के आधार पर प्रोन्नति आदेश जारी होने के बाद शुरू करने का निर्णय किया है। मजे की बात यह है कि शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची भी तमाम तरह की त्रुटियों की शिकायतों के कारण अटक गई है। ऐसे में तबादले को लेकर शिक्षकों के बीच भारी संशय की स्थिति बनी हुई है।

बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव कहते हैं कि शासन अपने ही आदेश को समय से पूरा नही करा पा रहा। अधिकारी जान बूझ कर समय से शिक्षकों की समस्याओं को हल करने के बजाय और उलझा रहें हैं। एक दशक बाद शिक्षको में यह उम्मीद जगी थी कि अन्तः जनपदीय पारस्परिक ट्रान्सफर में वह अपने परिवार के नज़दीक आ जायेंगे, परन्तु विभागीय उदासीनता के कारण शिक्षकों में निराशा होने लगी है। सरकार को तय समय ग्रीष्म अवकाश में पारस्परिक ट्रांसफर की कार्यवाही पूरी करनी चाहिए, जिससे आदेश का अनुपालन हो सके एवं शिक्षकों को राहत मिल सके।

यहां यह उल्लेखनीय है कि बीते मार्च में शिक्षा के अन्तः जनपदीय तबादले की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए शासन की ओर से बकायदा समय सारिणी जारी की गई थी जिसमें अन्तः जनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन के लिए तिथिवार कार्य पूरा करने की बात कहीं गई थी। 28 अप्रैल को प्रक्रिया शुरू करने के लिए पोर्टल को लाइव किया गया था जबकि एक से आठ मई तक पोर्टल पर किसी प्रकार की गड़बड़ी प्रदर्शित होने पर आपत्तियां अंकित किया जाना था। 16 मई तक बीएसए द्वारा आपत्तियों का निवारण किया जाना था जबकि 22 मई को सूची ऑनलाइन प्रदर्शित होनी थी।

23 से 29 मई तक भरे जाने थे ऑनलाइन फार्म

23 मई से 29 मई तक अध्यापकों द्वारा स्थानान्तरण के लिए ऑनलाइन विद्यालय का विकल्प भरा जाना था। 30 मई से बीएसए की ओर से काउन्सिलिंगके बाद सत्यापित आवेदन पत्रों के आधार पर डाटा लॉक किया जाना था लेकिन यह सब प्रक्रिया अभी ठप पड़ गई है। इसी प्रकार से अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए चार सदस्यी समिति बनाई गई थी।

यह समिति भी अब बेसिक शिक्षा परिषद के पत्र का इंतजार कर रही हैं। इसमें भी समय सारिणी बनाई गई थी जिस पर अब तक कोई कार्यवाही शुरू नहीं हुई है।