चेक क्लीयर होने में नहीं लगेंगे 2 दिन, अब दो घंटे में बैंक अकाउंट में आ जाएगा पैसा, RBI ने बदले नियम

RBI: रिजर्व बैंक ने चेक क्लीयरिंग के नियमों में बदलाव कर दिया है।

अब चेक को क्लीयर होकर आपके बैंक अकाउंट में पैसे आने में 2 दिन का समय नहीं लगेगा। सिर्फ कुछ घंटों में ही आपके बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो जाएगा। जल्द ही बैंक शाखाओं में जमा किए गए चेक उसी दिन क्लीयर हो जाएंगे। 

फिलहाल, जमा किए गए चेक को दिन के दौरान अलग-अलग समय स्लॉट में ग्रुप या बैचों में एक साथ प्रोसेस किये जाते हैं। चेक को क्लीयर होने में दो दिन का समय लगता है। इससे ग्राहकों को लंबा इंतजार करना पड़ता है और सेटलमेंट का रिस्क भी बढ़ जाता है।

ग्राहकों को क्या होगा फायदा?

चेक क्लीयरिंग चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के माध्यम से बैच प्रोसेसिंग मोड में काम करता है और इसकी क्लीयरिंग साइकिल दो वर्किंग डेज तक होती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर ने चेक क्लीयरिंग के प्रोसेस में सुधार लाने और निपटाने के जोखिम को कम करने के लिए CTS को बैच प्रोसेसिंग से क्लीयरिंग में बदलने का प्रस्ताव दिया है। इस नए बदलाव से ग्राहकों को फायदा होगा क्योंकि कम समय में पैसा अकाउंट में आ जाएगा।

क्या है चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS)?

CTS एक चेक क्लीयरिंग प्रोसेस है जिसे RBI ऑपरेट करता है। इसमें चेक को फिजिकल रूप से इधर-उधर ले जाने की बजाय उसका इलेक्ट्रॉनिक इमेज तैयार कर महत्वपूर्ण डेटा कैप्चर करने के बाद भेजा जाता है। यह प्रणाली 2008 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहली बार पेश की गई थी।

ग्राहकों को मिलेंगे ये फायदे

नए बदलाव से चेक अब लगातार स्कैन किए जाएंगे, पेश किए जाएंगे और कामकाजी घंटों के दौरान क्लीयर किए जाएंगे, जिससे चेक क्लीयरिंग का समय कुछ घंटों तक कम हो जाएगा। इसके साथ ही चेक के फिजिकल ट्रांजिट की जरूरत खत्म हो जाएगी, जिससे चेक खोने का डर भी नहीं रहेगा। 

इससे चेक की तेजी से क्लीयरिंग और खाते में जल्दी क्रेडिट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। जबकि UPI, NEFT और RTGS जैसे डिजिटल पेमेंट के युग में चेक का महत्व धीरे-धीरे कम हो रहा है। यह अभी भी एक जरूरी पेमेंट का तरीका बना हुआ है।