एलकेजी में पढ़ रहे छात्र ने जीती कानूनी जंग, स्कूल के बगल में खुले शराब ठेके के नवीनीकरण पर हाईकोर्ट की रोक
हाईकोर्ट जाने से पहले डीएम से सीएम तक तक लगाई थी गुहार, नतीजा रहा था शून्य
अधर्व ने पहले इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की। कार्रवाई नहीं होने पर मुख्यमंत्री पोर्टल के जरिए अपनी शिकायत सरकार के पास भेजी। इस पर जिला आबकारी अधिकारी ने 20 जुलाई 2023 को रिपोर्ट डीएम को सौंपी, जिसमें कहा गया कि ठेका स्कूल से एकदम निकट है, लेकिन स्कूल बाद में खुला है, इसलिए 50 मीटर बाला नियम लागू नहीं होता। ठेका निधर्धारित समय से इतर नहीं खुला मिला।
स्कूल के करीब खुले शराब के ठेके पर हंगामा करने वालों के खिलाफ कानपुर के पांच साल के छात्र अथर्व ने कानूनी जंग जीत ली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर के आजाद नगर स्थित एमआर जयपुरिया स्कूल के पास 30 साल से संचालित शराब के ठेके के नवीनीकरण पर रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की अदालत ने एलकेजी में पढ़ने वाले अथर्व की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया है। अथर्व ने अधिवक्ता आशुतोष शर्मा के मार्फत स्कूल के पास 30 साल पुरानी शराब की दुकान हटवाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
आजाद नगर निवासी अधिवक्ता प्रसून दीक्षित के बेटे ने याचिका में कहा था कि स्कूल के 30 मीटर से कम दायरे में खुले ठेके पर लोग हंगामा करते हैं। इससे पढ़ाई में दिक्कत होती है। यहां से गुजरते हुए डर लगता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्कूल के बगल में शराब ठेका होने पर ठेके के लाइसेंस को बढ़ाने पर रोक लगा दी. स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र के पिता ने एक जनहित याचिका में इसे हटाने की मांग की थी. याचिकाकर्ता का कहना था कि शासनादेश का उल्लंघन कर स्कूल के बगल में शराब के ठेके पर आए दिन होने वाले शराबियों के हुड़दंग से परेशानी होती है।
स्कूल के बगल में शराब का ठेका, कोर्ट का सख्त रुख, लाइसेंस बढ़ाने पर रोक
स्कूलों के आस-पास या बगल में शराब की दुकान को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि स्कूल के बगल पहले से शराब का ठेका है तो जरूरी नहीं हर साल उसका लाइसेंस बढ़ावा जाय. कोर्ट ने कानपुर नगर, आजाद नगर में स्थित सेठ एम आर जयपुरिया स्कूल के बगल में शराब के ठेके का लाइसेंस मार्च 25 के बाद बढ़ाने पर रोक लगा दी है।
ये आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने पांच वर्षीय छात्र मास्टर अथर्व की तरफ से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. एल के जी के छात्र ने पिता के इस मामले में जनहित याचिका दायर करके स्कूल से 20 फीट की दूरी पर स्थित शराब ठेके को हटाने की मांग की थी. जिसे कोर्ट ने आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया है।
क्या कहा याचिकाकर्ता ने?
याचिकाकर्ता का कहना था कि शासनादेश का उल्लंघन कर स्कूल के बगल में शराब के ठेके पर आए दिन होने वाले शराबियों के हुड़दंग से परेशानी होती है. कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किए थे कि स्कूल के बगल में शराब के ठेके का नवीनीकरण हर साल कैसे होता जा रहा है।
वहीं इसके जवाब में सरकार ने कहा कि स्कूल बनने से पहले से ही वहां पर ठेका था और उपबंधों का हवाला दिया. कोर्ट ने व्याख्या करते हुए कहा कि लाइसेंस अवधि बीत जाने के बाद नवीनीकरण किया जाना जरूरी नहीं है. दुकान का लाइसेंस 31 मार्च 25 तक है, इसलिए उसके बाद में न बढ़ाया जाए।
कहां का है मामला?
दरअसल, मामला कानपुर नगर में चिड़ियाघर के पास स्थित आजाद नगर मोहल्ले से जुड़ा हुआ है. पांच साल का अथर्व दीक्षित आजाद नगर इलाके में स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में एल केजी का छात्र है. स्कूल से महज 20 मीटर की दूरी पर शराब का ठेका है. नियमानुसार स्कूल के आसपास शराब की दुकान का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता।
याचिकाकर्ता का कहना है कि अक्सर यहां सुबह छह सात बजे से ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है. लोग शराब के नशे में यहां हुड़दंग करते हैं. स्कूल के पास रिहायशी बस्ती भी है, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग रहते हैं।
परिवार वालों ने कानपुर के अफसरों से लेकर सरकार तक कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. दलील दी गई कि यह स्कूल 2019 में खुला है, जबकि शराब का ठेका तकरीबन 30 साल पुराना है. इस पर अथर्व के अपने परिवार वालों ने उसके नाम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी।