बच्चों को निपुण होने तक अभ्यास कराते रहेंगे शिक्षक
बलरामपुर, परिषदीय स्कूलों के बच्चों का शैक्षिक स्तर बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कक्षा एक से तीन तक पंजीकृत बच्चों को हिंदी और गणित विषयों में दक्ष बनने तक शिक्षक निरंतर अभ्यास कराएंगे। 1165 परिषदीय स्कूलों के 53 हजार छात्राें को निपुण बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
अभ्यास के बाद पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों को निपुणता की परीक्षा देनी होगी। यदि बच्चा पास नहीं होता है ताे उसे निपुण विद्यार्थी का दर्जा नहीं मिल पाएगा। उसे नए शैक्षणिक सत्र में पहले तीन महीने में पिछली कक्षा के पाठ्यक्रम को दोबारा पढ़ना पड़ेगा।
हिंदी में बच्चों को निपुण बनाने के लिए मूलभूत भाषा और साक्षरता, शब्दावली, पढ़ना-समझना, मौखिक भाषा का विकास, पठन प्रवाह, प्रिंट के बारे में अवधारणा, लेखन और कल्चर आफ रीडिंग में परिपक्व बनाना होगा। इस संबंध में बीएसए कल्पना देवी ने बताया कि कोई बच्चा यह सब पढ़ने एवं समझने में सक्षम नहीं है तो उस विद्यार्थी को निपुण छात्र का दर्जा नहीं दिया जाएगा।
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ऐसे तय किए गए मानक
-- गणित में बाल वाटिका के बच्चों को 10 तक संख्या पढ़नी आनी चाहिए। एक अंकीय जोड़ व घटाव के 75 प्रतिशत प्रश्नों को सही से हल करना, कक्षा दूसरी के बच्चों को 99 तक का जोड़, दो अंकीय घटाव के 75 प्रतिशत प्रश्नों को सही हल करना, कक्षा तीसरी के बच्चों को 999 तक का जोड़, तीन अंकीय घटाव के 75 प्रतिशत प्रश्नों को सही करना जरूरी है।