स्कूल खुलने के साथ जांच करेंगे अफसर, शिक्षकों के साथ भेजेंगे ग्रुप फोटोग्राफ
- अब सीधे कार्रवाई : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का स्कूल निरीक्षण के लिए नया फरमान
वैसे शिक्षक जो सख्ती के बाद भी स्कूल से फरार रहते हैं या अपनी मनमर्जी से स्कूल आते-जाते हैं, उनकी मुश्किल बढ़ने वाली है। ऐसे शिक्षकों बीपीएससी द्वारा चयनित विद्यालय अध्यापक और नियोजित शिक्षक ही नहीं, बल्कि नियमित शिक्षक भी शामिल हैं। अब जांच अधिकारी के लिए भी स्कूलों की जांच के नाम पर खानापूर्ति करनी मुश्किल है।
ऐसा शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल निरीक्षण को लेकर जारी किए गए नए फरमान की वजह से हुआ है। अब सभी शिक्षकों को या तो नियमानुसार छुट्टी लेकर ही अनुपस्थिति होना होगा या फिर हर हाल में तय समय पर स्कूल पहुंच जाना होगा, ताकि हर दिन सभी शिक्षकों का ग्रुप फोटोग्राफ लेकर शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया जा सके। यही नहीं अब स्कूलों में शिक्षकों की रंगीन तस्वीर भी लगेगी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने निरीक्षण को लेकर फरमान जारी किया है। इस फरमान के बाद स्कूल देर से पहुंचने वाले टीचरों पर अब सीधे विभागीय स्तर से कार्रवाई हो जाएगी। स्कूलों में शिक्षकों की जांच करने के लिए नियुक्त में पदाधिकारी-कर्मचारियो को भी हर दिन निर्धारित समय पर अपनी रिपोर्ट विभाग को भेजनी होगी। जिले के सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति संतोषजनक नहीं पाई ई जा रही है। वर्ग ग्यारहवीं में बच्चों की उपस्थिति बहुत ही कम है।
मिशन दक्ष का संचालन भी विभागीय निदेशानुसार नहीं हो रहा है। जिले में हो रहे कमजोर निरीक्षण को लेकर संबंधित पदाधिकारी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई भी हो चुकी है। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो वर्तमान में स्थिति बहुत ही खराब है। अब 'निरीक्षण में सख्ती के बाद स्थिति में सुधार की गुंजाइश बनी है।
सुबह 8.30 बजे पहुंचेंगे अफसर, 9 बजे स्कूल खुलते ही फोटो भेजेंगे
धरातल पर नहीं दिख रहा है निरीक्षण
प्रतिदिन संध्या को 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक एवं शिक्षा सेक्क को कार्यालय में बुलाकर बच्चों की कम उपस्थिति की समीक्षा की जाती है। साथ ही अलग-अलग प्रखंडों के शिक्षा सेवकों को जिला कार्यालय में बुलाकर विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति क संबंध में आवश्यक सुनिश्चित करने के निर्देश दिये जा रहे हैं, किन्तु स्थिति में सुधार नहीं हमें हो है रहा है। यह सूचना मिल रही है कि ध धरातल पर निरीक्षण व्यवस्था सुदृढ़ नहीं है। न तो जिलास्तरीय पदाधिकारी द्वारा और न ही प्रखंड स्तरीय
संबंधित पदाधिकारी को पत्र लिखा
विभागीय निर्देश के बाद इस संबंध में डीईओ के स्तर से सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला परियोजना प्रबंधक, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और अन्य संबंधित पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। पत्र में सभी जांच पदाधिकारी और कर्मियों को सुबह 8.30 बजे स्कूल में निरीक्षण के लिए उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। । स्कूल स खुलने का समय सुबह 9 बजे स्कूल के सभी शिक्षकों के साथ फोटोग्राफ लेकर ग्रुप में भेजना होगा।
पदाधिकारी व कर्मी द्वारा गुणवत्तापूर्ण एवं प्रभावी निरीक्षण किया जा रहा है। इससे विद्यालय में पठन-पाठन, बच्चों की उपस्थिति एवं अन्य क्रियाकलाप में सुधार होना कठिन है। कुछ पदाधिकारी व कर्मियों के द्वारा धरातल पर निरीक्षण नहीं किया जाता है। दूरभाष पर आंकड़े मंगा लिये जाते हैं और निरीक्षण की औपचारिकता भर निभा दी जाती हैं।
निरीक्षण में कोताही बरतने पर होगी सख्त कार्रवाई
सभी पदाधिकारियों को स्कूलों का तीन सत्रों में निरीक्षण करना है। निरीक्षण के समय कोताही बरती जाएगी तो सीधे कार्रवाई की जाएगी। किसी संविदा पर कार्यरत कर्मी या एजेंसी से रखे गए कर्मी द्वारा फेक निरीक्षण किया जाता है तो उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। निर्देश का उल्लंघन करने वाले पदाधिकारी व कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए विभाग को भी लिखा जाएगा।
- जियाउल होदा खां, डीईओ
सभी शिक्षकों का फोटो लगाना अनिवार्य
जिले के सभी प्रारम्भिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वर्तमान में कार्यरत सभी शिक्षकों का रंगीन फोटो फ्लैक्स पर लगाया जाएगा। इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रंजय सिंह ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ समग्र शिक्षा को निर्देश दिया है। साथ ही बीपीएससी से चयनित विद्यालय अध्यापक के नाम के आगे बीपीएससी अंकित करना है। इसके अलावा सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को प्रत्येक तीन माह पर ब्लैक बोर्ड क का कालीकरण कराने का भी निर्देश दिया गया है।