12460 शिक्षक भर्ती : सात साल बाद 199 बने सहायक अध्यापक, खिले चेहरे

12460 शिक्षक भर्ती : सात साल बाद 199 बने सहायक अध्यापक, खिले चेहरे

अमेठी, 12,460 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को काफी संघर्ष के बाद 2024 में खुशी की सौगात मिल गई। सात साल से शिक्षक बनने का सपना सोमवार को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद पूरा हुआ। नियुक्ति पत्र पाकर 199 अभ्यर्थियों के चेहरे खुशी से खिल गए।

बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर भर्ती के वर्ष 2016 में 12460 शिक्षकों की भर्ती हुई थी। भर्ती में जिले को 382 शिक्षक का नियुक्ति होनी थी। लेकिन, सिर्फ 118 शिक्षकों की ही नियुक्ति हो पाई थी। जो वर्तमान में अलग-अलग स्कूलों में कार्यरत हैं। भर्ती के तहत मेरिट के विवाद के कारण 264 शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई। 

मामला कोर्ट में चला गया। कोर्ट के आदेश पर गत दिन जिले को वरीयता देने वाले वंचित 264 शिक्षकों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। लेकिन, इसमें भी सिर्फ 69 शिक्षक ही शामिल हुए। इनको 30 दिसंबर को नियुक्ति पत्र दे दिया गया था।

इसके बाद भर्ती की 202 सीट रिक्त रह गईं। इन सीटों पर नियुक्ति के लिए शुक्रवार को रणंजय इंटर कॉलेज में आयोजित ओपन काउंसिलिंग कराई गई। ओपन काउंसलिंग में अलग-अलग जिले के सामान्य वर्ग के 155, ओबीसी वर्ग के 215, अनुसूचित जाति के 95 व अनुसूचित जनजाति के चार समेत कुल 211 पुरुष व 258 महिला अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया। 

रविवार देर शाम विभाग ने कट ऑफ मेरिट जारी की। मेरिट में शामिल 199 अभ्यर्थियों को सोमवार को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया।

काउंसिलिंग के बाद से ही कट ऑफ मेरिट व नियुक्ति पाने के लिए बीएसए कार्यालय में पूरा दिन बिताने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिला तो उनकी थकान गायब हो गई। सात साल के लंबे संघर्ष के बाद परिषदीय स्कूल में सहायक अध्यापक बनने का सपना पूरा हुआ तो आंखों से खुशी के आंसू भी छलक गए।

पूरा हुआ अधूरा सपना

शिक्षक भर्ती में चयनित बीएसए कार्यालय नियुक्ति पत्र मिलने के मुंशीगंज की रहने वाली श्रद्धा मिश्र ने बताया कि वर्ष 2016 में भर्ती निकलने के बाद आवेदन किया। मेरिट में नाम भी आया, लेकिन मामला कोर्ट में चल गया। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। सात साल इंतजार करना पड़ा। आखिरकार जीत मिली और नियुक्ति हो गई। 

गाजीपुर के सैदपुर निवासी सौम्या सिंह ने बताया कि काउंसिलिंग के बाद भी मेरिट जारी होने तक बहुत चिंता हो रही थी। आखिरकार 2024 में चिंता से निजात दिलाते हुए खुशी की सौगात दी। 

भुसहिरयां निवासी अंकुर सिंह ने बताया कि सात साल एक-एक दिन आंसू में बीता। लोगों के ताने के बीच हिम्मत नहीं छोड़ी, आज नियुक्ति पत्र मिला तो खुशी दोगुनी हो गई। भारती सिंह ने बताया कि सात साल तक नियुक्ति न मिलने से आर्थिक क्षति हुई, लेकिन अब सपना पूरा हो गया।