150 बच्चे को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक अध्यापक
कैराना नाहिद कॉलोनी के लोग सरकारी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहां सरकारी राशन नहीं मिलता है तो बच्चों की मिड-डे मिल नहीं मिल रहा है। कॉलोनी के करीब 150 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक अध्यापक है। लोगों ने एडीएम को प्रार्थना पत्र देकर अध्यापक की नियुक्ति व राशन मुहैया कराने की मांग की है।
शनिवार को सामाजिक संस्था एक्शन ऐड इंडिया के कार्यकर्ता रिजवान सैफी के नेतृत्व में नाहिद कालोनी निवासी दर्जनों व्यक्तियों और महिलाओं ने तहसील मुख्यालय पर पहुंचकर एडीएम को प्रार्थना पत्र दिया।
बताया कि कॉलोनी में वर्ष 2013 के दंगे के बाद वह निवास कर रहे हैं। वर्ष 2018 में डीएम के निर्देश पर कॉलोनी में अध्यापको को नियुक्ति हुई थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही एक अध्यापक का यहां से स्थानांतरण हो गया था ।
इसके बाद यहाँ मात्र एक अध्यापक जियाउल हक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। बच्चों का स्थायी तौर पर नामांकन भूरा गांव के प्राइमरी स्कूल नंबर दो व तीन में है। यहां बच्चों की संख्या करीब 150 है एक अध्यापक के सहारे इनका शैक्षिक कार्य चल रहा है। बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक चिंतित हैं।
दोपहर में बच्चों को मिड-डे मील नहीं मिलने के कारण कुपोषण का शिकार होने की आशंका है। कॉलोनीवासियों ने बताया कि उनके राशन कार्ड आर्यपुरी में उचित दर की दुकान से संबद्ध है। लगभग तीन किमी की दूरी के कारण कार्डधारकों को राशन नहीं मिल पा रहा है या फिर उन्हें चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उन्होंने कॉलोनी में राशन की दुकान का आवंटन कराने और अध्यापक की नियुक्ति की मांग की है।