बर्थ सर्टिफिकेट और आधार के फेर में अटका 'अपार', शिक्षकों को वेतन रोकने का नोटिस
केंद्र सरकार के निर्देश पर 'वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी' योजना के तहत हर छात्र के शैक्षणिक ब्योरे को डिजिटल तौर पर सुरक्षित रखने के मकसद से अपार आईडी बनाए जा रहे हैं। इसको लेकर राज्य सरकारों पर भी दबाव है।
अपडेट के लिए परेशान अभिभावक
अभिभावकों की सबसे बड़ी परेशानी जन्म प्रमाण पत्र और आधार अपडेट करने को लेकर है। राजाजीपुरम के अनूपमणि अपने पुत्र रुद्र का आधार अपडेट कराने गए तो बताया गया कि जन्म प्रमाण पत्र मैनुअल है। डिजिटल प्रमाण पत्र चाहिए। निगम में बताया गया कि तहसील से एफिडेविट बनाने के बाद ही जन्म प्रमाण पत्र बन पाएगा।
स्कूल और आधार के ब्योरे में अंतर
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह बताते हैं कि कई छात्रों के स्कूल के रजिस्टर में और आधार में जन्म तिथि अलग-अलग है। ज्यादातर के पास जन्म प्रमाण पत्र भी नहीं है। है तो आधार और जन्म प्रमाण पत्र में अंतर है।
अनिवार्य नहीं आधार
अपार आईडी के लिए भी केंद्र सरकार ने आधार की अनिवार्यता की बात नहीं कही है लेकिन सरकारी और निजी स्कूलों में आधार अनिवार्य तौर पर मांगा जा रहा है। बिना आधार के अपार आईडी नहीं बना रहे। आधार बनवाने और उसे अपडेट करवाने के लिए लाइनें लग रही है। इसी वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है।
ये हैं दिक्कतें
■ जन्मप्रमाण पत्र के अभाव में आधार कार्ड नहीं बना।
■ स्कूल रिकॉर्ड और आधार में नाम अलग-अलग मिले।
■ कुछ छात्रों के आधार कार्ड में लिंग गलत लिखा है।
■ स्कूल रिकॉर्ड और आधार में जन्म तिथि में अंतर है।
■ कुछ बच्चों ने बिना नाम कटवाए दूसरे स्कूलों में दाखिला लिया। दोनों जगह नाम होने से आईडी नहीं बन पा रहा है।