जनगणना की संभावना कम, सिर्फ 574 करोड़ रुपये आवंटित किए
छह साल पहले 2019 में केंद्रीय कैबिनेट ने 2021 की जनगणना के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अपडेट करने के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी थी। साल 2020 में कोरोना
के कारण जनगणना रोक दी गई। तब से अब तक इसे दोबारा शुरू करने की कोई तारीख तय नहीं हुई।
वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में 3,768 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि 2025-26 में यह घटकर 574.80 करोड़ रुपये रह गया है। इससे संकेत मिलता है कि जनगणना अभी और आगे टल सकती है।