कस्तूरबा विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था परखेंगे मजिस्ट्रेट
शासन ने कहा है कि मजिस्ट्रेट के नेतृत्व वाली टीम में एक महिला सदस्य भी होगी। इसमें सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ सुरक्षा पर विशेष फोकस किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट डीएम को दी जाएगी। इसके अतिरिक्त डायट प्राचार्य हर महीने कम से कम चार विद्यालय, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक एक विद्यालय, बीएसए चार विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे।
बीईओ हर सप्ताह और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा महीने में दो बार इन विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। अगर शाम पांच बजे के बाद निरीक्षण हो रहा है तो महिला अधिकारी-कर्मचारी का होना अनिवार्य होगा। विद्यालयों की दीवारों पर सभी प्रमुख अधिकारियों के नंबर भी लिखाने के निर्देश दिए गए हैं। हर शनिवार को मीना मंच की बैठक में सेफ टच, बैड टच, आदि के प्रति छात्राओं को जागरूक करने को कहा गया है।
प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि विद्यालयों के चपरासी, चौकीदार व सुरक्षा गार्ड का छात्राओं के शौचालय व स्नानागार में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। वे गार्ड रूम में ही रहेंगे। सीसीटीवी पूरी तरह से क्रियाशील हों।
छात्राओं से फीडबैक भी लें
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम ने सभी डीएम को पत्र भेजकर कहा है कि वार्डन व सभी स्टाफ के व्यवहार व आचरण को लेकर सभी छात्राओं से फीडबैक भी लिया जाए। किसी तरह के संदेह पर त्वरित कार्रवाई करें। वार्डन की छुट्टी व अन्य कार्य से बाहर जाने पर पूर्णकालिक शिक्षिकाएं विद्यालय में उपस्थित रहें। विद्यालय में आने-जाने वालों का पूरा पूरा ब्योरा दर्ज होना चाहिए।