पेपर लीक, पीसीएस-जे, नॉर्मलाइजेशन विवाद ने बिगाड़ी छवि
इस फैसले के बाद आयोग की स्वायत्तता पर सवाल उठने लगे। पेपर लीक प्रकरण से किसी तरह उबरे आयोग ने 19 जून 2024 के शासनादेश के अनुसार पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने का निर्णय लिया तो लाखों प्रतियोगी छात्र भड़क उठे। नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) के संभावित दुष्परिणामों से आशंकित छात्रों ने 11 से 15 नवंबर तक आयोग पर जैसा आंदोलन किया वैसा इससे पहले कभी नहीं हुआ था। गांधीवादी तरीके से गेट पर डटे प्रतियोगी छात्रों की मांग के आगे आखिरकार लोक सेवा आयोग को झुकना पड़ा और पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा दो की बजाय एक दिन में ही करानी पड़ी।
हालांकि आरओ/एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है। 22 दिसंबर को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा कराने के बाद आयोग के अफसर ठीक से राहत की सांस भी नहीं ले सके थे कि अगले ही दिन 23 दिसंबर को हाईकोर्ट ने पीसीएस जे 2022 परीक्षा में गड़बड़ी की जांच रिटायर चीफ जस्टिस गोविंद माथुर से कराने का निर्णय ले लिया। पीसीएस जे 2022 का अंतिम परिणाम 30 अगस्त 2023 को घोषित हुआ था। मुख्य परीक्षा की कॉपी बदलने का मामला सामने आने के बाद आयोग ने 17 अगस्त 2024 को मुख्य परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया था, जिसमें पांच उन अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए सफल किया गया था, जो योग्य होते हुए भी इंटरव्यू में शामिल नहीं हो सके थे। इनका इंटरव्यू करवाने के बाद 30 अगस्त 2024 को आयोग ने संशोधित अंतिम परिणाम घोषित किया था, जिसमें दो चयनित अभ्यर्थी बाहर हुए थे और दो नए अभ्यर्थियों का चयन हुआ था।
वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) लागू करने से लेकर साक्षात्कार की गोपनीयता में संघ लोक सेवा आयोग के मानकों से भी एक कदम आगे बढ़कर प्रतियोगी छात्रों के लिए काम करने का दावा करने वाले यूपीपीएससी पर पूरे साल जिस तरह से सवाल उठे, उससे उबरने में समय लगेगा।