बच्चे कोर्स से अलग भी किताबें पढ़ें योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युवा 24 घंटों में से लगभग 6 घंटे स्मार्टफोन पर व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें तकनीक का उपयोग करना चाहिए, न कि उसका गुलाम बनना चाहिए। रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे घर-घर में गाया जाता है। मुख्यमंत्री ने नेशनल बुक ट्रस्ट की इस पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि प्रदेश के सभी 18 मंडलों में ऐसे पुस्तक मेले लगने चाहिए। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ संवाद भी किया।
रामायण धार्मिक के साथ सांस्कृतिक ग्रंथ भी
लेखक गंज में आयोजित तीसरे सत्र एशियाई देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध की आधारशिला के रूप में रामायण में लेखक नीरज वशिष्ठ ने अपने विचार रखे। नीरज वशिष्ठ ने बताया कि रामायण धार्मिक ग्रंथ तो है ही पर कहीं ज्यादा ये सांस्कृतिक ग्रंथ है क्योंकि इसमें दर्शाए मूल्यों को लोग अभी भी अपनाते हैं।
बच्चों ने किया भ्रमण
ऑलमाइटी माण्टेसरी स्कूल के बच्चे भी पुस्तक महोत्सव में पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ को सुना। पुस्तकों के बारे में जानकारी हासिल की।
आज अभिनय और लेखन की क्लास
गोमती पुस्तक महोत्सव में रविवार को शब्द संसार में आयोजित तीन सत्रों में पहला सत्र रोल प्ले सीखें और अभिनय करें होगा जिसमें अभिनय की बारीकियां सिखाई जाएंगी। दूसरे सत्र में प्रसिद्ध गायिका चिन्मय त्रिपाठी कविता लेखन कार्यशाला में बच्चों को कविता लेखन के बारे में बताएंगी। तीसरा सत्र स्पर्श का एहसास एक नया अनुभव दृष्टिबाधित बच्चों के लिए विशेष रूप में उपयोगी साबित होगा। लेखक गंज में तीनों सत्र पाठकों को आकर्षित करेंगे। एक सत्र में पौराणिक कथाओं पर आधुनिक परिप्रेक्ष्य में बात होगी। दूसरा सत्र कारगिल विजय पर, तीसरा सत्र लखनऊ की विरासत पर होगा।
महोत्सव के तृतीय संस्करण में लेखक, साहित्यकार, पुस्तकप्रेमी तथा छात्र मौजूद रहे। एनबीटी के अध्यक्ष प्रो. मिलन मराठी, डायरेक्टर कर्नल युवराज मलिक, प्रदेश सरकार के सलाहकार पूर्व आईएएस अवनीश अवस्थी, मंडलायुक्त डॉ. रौशन जैकब आदि शामिल हुए।
विविध रंगों से सराबोर रहा मेले का पहला दिन
गोमती पुस्तक महोत्सव शुभारंभ के पहले दिन सुबह से शाम अलग-अलग गतिविधियों से सराबोर रहा। सुबह के समय एक ओर जहां बाल फिल्म महोत्सव में प्रख्यात बाल फिल्में दिखाई जा रही थीं वहीं दूसरी ओर शब्द संसार में स्कूलों के विद्यार्थी विभिन्न गतिविधियों को करने में उत्साह दिखा रहे थे। वहीं दोपहर के समय साहित्यिक सत्रों में संस्कृति, पत्रकारिता, नदियों और साहित्य पर विचार रखे गए। वहीं चिन्मय त्रिपाठी द्वारा संगीतमय प्रस्तुति ने महोत्सव में मौजूद सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।