आदेश: 1200 तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ
संजय सिंह के मामले में सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल शपथपत्र में 30 दिसंबर 2000 तक सभी तदर्थ शिक्षक को विनियमित करने की बात कही गई थी लेकिन 2016 के विनियमितीकरण आदेश की अनदेखी करते हुए अधिकारियों ने नौ नवंबर 2023 को इनकी सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया था। उसके खिलाफ विनोद श्रीवास्तव और राघवेंद्र पांडेय की याचिका में हाईकोर्ट ने नौ नवंबर 2023 के आदेश को अवैध मानते हुए सात फरवरी को निरस्त कर दिया था। साथ ही 20 दिसंबर 2000 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को सेवा में मानते हुए वेतन और एरियर के साथ बहाल करने का निर्णय दिया था। मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला आने पर लगभग 1200 शिक्षकों को विनियमित करने का आदेश जारी हो गया।
पुरानी पेंशन और जीपीएफ-फंड भी बच जाएगा
विनियमितीकरण के आदेश से 30 दिसंबर 2000 से पूर्व नियुक्त तदर्थ शिक्षकों की पुरानी पेंशन और लगभग 25-30 वर्षों से जमा जीपीएफ भी लैप्स होने से बच जाएगा। संजय सिंह मामले में 2000 तक चयनित तदर्थ शिक्षकों को लम्बे संघर्ष के बाद विनियमित करने के लिए मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को तय समय के अंदर निर्णय लेने का पत्र जारी हो गया है।