यूपी के इस जिले में 12 अगस्त को बंद रहेंगे सभी स्कूल, जानें क्या है कारण?
- उत्तर प्रदेश में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 12 अगस्त को सभी स्कूल बंद रहेंगे। इसके एवज में रविवार को कक्षाएं लगेंगी। बीएसए ने School Holiday का आदेश जारी किया है।
School Holiday: अगस्त महीने में छुट्टियों की भरमार है। हालांकि इस बीच कुछ दिन ऐसे भी हैं। जब जिले के अधिकारी अपने लेवल पर अवकाश की घोषणा कर रहे हैं। ऐसा ही आदेश पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में बीएसए ने दिया है। इसके अनुसार वाराणसी (Varanasi) में 12 अगस्त को सभी स्कूलों में अवकाश (School Holiday) रहेगा। जबकि इसके एवज में 11 अगस्त यानी रविवार को स्कूल खुलेंगे।
दरअसल, वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ धाम मंदिर में होने वाली भीड़ के चलते यह फैसला लिया गया है। इससे बच्चों को सोमवार को ट्रैफिक जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गोदौलिया से मैदागिन तक नो व्हीकल जोन भी रहेगा। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। जो रविवार रात 10 बजे से अगले दिन सोमवार रात 12 बजे तक रहेगा। पिछले साल भी वाराणसी प्रशासन ने सोमवार को स्कूल बंद (School Holiday) रखने का फैसला लिया था, क्योंकि सावन के सोमवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं और आम जनता की सुविधा के लिए इस बार भी यह फैसला लिया है।
वाराणसी (Varanasi) के लिए क्यों खास है सावन (Sawan) का महीना?
उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ धाम है। इसके चलते यहां सावन (Sawan) के महीने में देश-विदेश से श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। यह महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है, क्योंकि यह बुराई के नाश करने वाले और वरदान देने वाले की पूजा करने का सबसे शुभ समय माना जाता है। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। काशी के विद्वानों के अनुसार सावन (Sawan) का महीना भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की कथा से जुड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव पार्वती की भक्ति से इतने प्रभावित हुए कि वे उनसे विवाह करने के लिए सहमत हो गए। इस महीने के दौरान उनके मिलन का जश्न मनाया जाता है।
सावन (Sawan) में शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाने की परंपरा
काशी के विद्वानों के अनुसार सावन (Sawan) महीने में भगवान भोलेनाथ के प्रतीक स्वरूप शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाने की परंपरा है। इस दौरान भक्त सोमवार (Sawan Somvar) को उपवास भी रखते हैं। सोमवार (Sawan Somvar) को भगवान शंकर का दिन माना जाता है। इसके चलते श्रावण महीने में इसकी मान्यता बढ़ जाती है। भक्त शिव मंदिरों में जाते हैं, प्रार्थना करते हैं और पूजा करते हैं। पवित्र नदियों से पवित्र जल लाने और तीर्थयात्रा करते हैं। सावन में मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था। इसलिए मान्यता के अनुसार भक्त अपने पापों को धोने और मोक्ष की कामना के लिए गंगा में पवित्र डुबकी लगाते हैं।