क्या ऐसी स्थिति में शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस लगा सकते हैं, एक बार आप भी यह वीडियो जरूर देखें?
यह दृश्य परिषदीय स्कूलों की ड्यूटी निभाने में तत्पर शिक्षकों का है जो कि सिर्फ बंदगी भर है ऐसे हालातों में तो प्रदेश के हजारों की संख्या में शिक्षक शिक्षिकाएं परिषदीय स्कूलों के रास्तों पर अपनी जान जोखिम में डाल ड्यूटी करने जाते होंगे बावजूद इसके बिना धरातलीय समस्याओं को जाने और उनका निराकरण किये बिना मनमाना जबरन अव्यवहारिक ऑनलाइन अटेंडेंस का आदेश लागू किया जाना कहां तक उचित ठहराया जा सकता है।
प्राथमिक विद्यालय सिसई गैसड़ी के शिक्षक विद्यालय जाते हुए।
आप सभी शिक्षक बंधु अपने-अपने जनपदों के सुदूर भारती पिछड़े ग्रामीण इलाकों में स्थित स्कूलों के रास्ते और हालात से संबंधित फोटो और वीडियो अधिक से अधिक संख्या में रिकॉर्ड कर समस्याओं का विवरण सहित ग्रुप पर पोस्ट करें जिससे उन मामलों को मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष सहित जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जा सके ताकि सरकारी मशीनरी अपना मनमाना आदेश लागू करने से पीछे हटे और समस्याओं का व्यावहारिक समाधान निकाला जाए और विभिन्न शिक्षक हित संबंधी मांगों को पूर्ण कराए जाने हेतु दबाव बनाया जा सके।
जानकारी शिक्षक बंधु जो सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं वह इस प्रकार के वीडियो और फोटो के साथ नेता प्रतिपक्ष विपक्षी दल मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री उपमुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए टैग करें। जिससे धरातलीय समस्याओं से उनको अवगत कराया जा सके। ✍️
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