विद्यालय में शिक्षक ही बच्चों के अभिभावक
विशेषज्ञ रचना श्रीवास्तव ने बाल अधिकारों के विधिक फ्रेमवर्क तथा मामलों के संज्ञान में आने पर की जाने वाली कार्रवाई, उत्तरदायित्व, निशुल्क विधिक सहायता तथा सेवाओं के बारे में बताया। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने कहा कि विद्यालय अवधि के दौरान शिक्षक ही बच्चों के अभिभावक के रूप में होता है और विद्यालय बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास का केंद्र होता है। बच्चों की सुरक्षा व संरक्षा की पूरी जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है। डीआईओएस पीएन सिंह, डायट प्रवक्ता डॉ. प्रसून कुमार सिंह ने भी विचार रखे। कार्यशाला में राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धर्मेन्द्र कुमार सिंह, केपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. योगेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।