उत्तर प्रदेश में नकल एवं पेपर लीक रोके जाने को लेकर सख्त निर्णय लिया गया है। इस उद्देश्य से 'उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024' लाया गया है।
➡️ इसके अंतर्गत छात्र प्रस्तावित कानून में कारावास या जुर्माने के दण्ड की परिधि में नहीं होंगे। उनका परीक्षा परिणाम रोककर उन्हें एक वर्ष के लिए अगली परीक्षा में हिस्सा लेने से रोक दिया जाएगा।
➡️ नकल, पेपर लीक जैसे अपराधों के अलावा फर्जी वेबसाइट बनाना, फर्जी परीक्षा आयोजित करना, फर्जी प्रवेश पत्र जारी करना, फर्जी प्रश्नपत्र को वास्तविक प्रश्नपत्र के रूप में संबंधित परीक्षा से पूर्व प्रसारित करना भी अपराध होगा।
➡️ परीक्षाओं से जुड़ी किसी भी तरह की गड़बड़ी में सम्मिलित होने वालों को कठोर सजा मिलेगी, जिसमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास और ₹1 करोड़ तक का जुर्माना भी है।
➡️ यदि पेपर लीक व नकल सहित परीक्षा से जुड़ी गड़बड़ियों में परीक्षा संस्थान या परीक्षा कराने वाली एजेंसी संलिप्त पाई जाती है तो उससे उस परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा। साथ ही उसकी संपत्ति भी कुर्क और जब्त की जा सकती है।