खबर पुरानी मगर है काम की, ✍️ हाईकोर्ट : प्रधानाध्यापक की शक्ति प्रधानमंत्री से भी ज्यादा

हाईकोर्ट : प्रधानाध्यापक की शक्ति प्रधानमंत्री से भी ज्यादा

 प्राइमरी स्कूल के शिक्षक का महत्व समझना हो तो हाईकोर्ट का वह आदेश जरूर पढ़िए, जो शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी को अनिवार्य किए जाने के संबंध में हाईकोर्ट ने दिया है वृहद पीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों की जिरह सुनने के बाद अपने फैसले में कानूनी स्थिति तो स्पष्ट की ही, गुरु महिमा का भी जिक्र किया आदेश हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया है।

'शिक्षा का अधिकार' कानून के आईने में नॉन टीईटी बनाम टीईटी के विवाद का पटाक्षेप करते हुए हाईकोर्ट ने कई ऐसी बातें कहीं, जो काबिले गौर हैं 52 पन्ने के महत्वपूर्ण फैसले के पेज 35 पर विन्स्टन चर्चिल के उस ऐतिहासिक वक्तव्य का भी जिक्र है जिसमें उन्होंने कहा था 'एक प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर के पास इतनी शक्ति होती है जितनी प्रधानमंत्री के पास भी कभी नहीं होती।' इसी तरह पेज 31 पर शिक्षक क महत्व रेखांकित करते हुए लिखा गया है 'गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वर गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः'

शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी को इसलिए जरूरी माना गया है ताकि बच्चे को उचित शिक्षा मिल सके। शिक्षक ऐसी योग्यता होनी चाहिए कि वह बच्चे की जिज्ञासा शांत करने के साथ उसे इस योग्य बनाए कि वे न सिर्फ किताब पढ़ना सीखें बल्कि यह अंतर करना भी सीखे कि क्या पढ़ना है और क्या नहीं।

यहां पढ़ सकते हैं ऑर्डर

वृहदपीठ का आदेश हाईकोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है वेबसाइट पर जजमेंट/ऑर्डर सेक्शन में जाकर याचिका संख्या 12908/2013 डालने पर 52 पेज का आदेश सामने आ जाएगा इस आदेश के पेज संख्या 31 और आगे-पीछे के पेज पर टिप्पणी देखी जा सकती है।