बदहाल बेसिक शिक्षा : जान चली जाए पर पढाई न जाए, कुछ भी हो समय नहीं बदलेगा

बदहाल बेसिक शिक्षा : जान चली जाए पर पढाई न जाए, कुछ भी हो समय नहीं बदलेगा

बेसिक शिक्षा पढाई को लेकर माध्यमिक व हायर शिक्षा से भी ज्यादा सीरियस है, 42 डिग्री की चिलचिलाती धूप में लू से बचने का प्रयास करते बेसिक के प्यारे बच्चे।

कल सरकारी फरमान भी जारी कर दिया गया जिन जिलों मेँ बच्चे धूप से बचने प्रयास कर रहे थे उनको वापिस 2:00 बजे के बाद छोड़ा जाए, कास सरकारी सचिव के बच्चे भी सरकारी स्कूल मेँ पढ़ते होते और 40 से 42 डिग्री तापमान का सामना करते तब पता चलता, कि फरमान कैसे जारी किए जाते हैं।

बच्चों का स्वास्थ्य सही रहेगा तभी महापुरुष बन पायेंगे माध्यमिक में बड़े बच्चे पढ़ते है उन्हें सरकार महापुरुष नहीं बनाना चाहती क्या?

12:30 पर ही छुट्टी कर दे रहे हैं, इधर छोटे-छोटे बच्चे कई तो बिना चप्पल ही चले आते हैं डामर रोड पर दो km पैदल घर जाना है जमीनी हकीकत से रूबरू होना चाहिए सचिव महोदय को थोड़ी देर के लिए केवल इस तपती धूप में AC से निकालकर खड़ा कर दिया जाय तो टाइम एण्ड मोशन का भूत तुरंत उतर जायेगा।