यूपीएससी... मेधा को मिला यश, अफसर बने तीन होनहार

यूपीएससी... मेधा को मिला यश, अफसर बने तीन होनहार

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में इस बार भी रुहेलखंड के होनहारों ने सफलता का परचम लहराया है। शोहम टीबडेवाल ने 77वीं, बहेड़ी के केशवपुरम निवासी निर्देश गंगवार ने 360वीं और महानगर निवासी 22 साल के यश वर्धन सिंह ने 571वीं रैंक हासिल की है। इसके अलावा मंडल के अन्य जिलों के होनहारों ने भी मेधा का लोहा मनवाया है।

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नौकरी छोड़ की ऑनलाइन तैयारी, मिली 77वीं रैंक

बरेली। राजेंद्रनगर निवासी शोहम टीबडेवाल ने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में 77वां स्थान हासिल कर शहर का नाम रोशन किया है। फिलहाल, वह दिल्ली में हैं। लोग सोशल मीडिया पर उनको बधाई दे रहे हैं। उनके घर भी बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उनके पिता अनुपम टीबडेवाल व्यवसायी व माता सीमा गृहिणी हैं।

उन्होंने सेंट फ्रांसिस स्कूल से 10वीं और वुडरो स्कूल से 12वीं करने के बाद पहले ही प्रयास में आईआईटी जेईई पास की। आईआईटी मुंबई से वर्ष 2020 में सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक कर गुरुग्राम में जॉब भी की। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने नौकरी छोड़ दी। उन्होंने पहले प्रयास में परीक्षा पास की तो उनका चयन रेलवे में हुआ था। इस बार दूसरे प्रयास में 77वीं रैंक हासिल हुई है। अब उनका चयन आईएएस के लिए हुआ है। वह बताते हैं निरंतर पढ़ाई की जाए तो सफलता जरूर मिलती है। पिता ने बताया कि बेटे की इस उपलब्धि ने गौरवान्वित किया है।

सफलता का मंत्र

शोहम के शिक्षक रहे केबी त्रिपाठी ने बताया कि अपने सपने को हासिल करने के लिए सिविल सेवा की ऑनलाइन तैयारी की। 16 घंटे पढ़ाई की। समयसारणी बनाकर प्रत्येक विषय की तैयारी की। जिन विषयों में संशय था, उनके लिए अधिक समय दिया।

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22 साल के यश ने पैर में प्लास्टर बांधकर दिया था साक्षात्कार

बरेली। महानगर निवासी 22 साल के यश वर्धन सिंह ने दुर्घटना में चोटिल होने के बाद पैर में प्लास्टर बांधकर साक्षात्कार दिया था। उन्होंने 571वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी नहीं बनाई, बल्कि पढ़ाई के लिए इसका सकारात्मक इस्तेमाल किया। बचपन से ही देश सेवा करने का जुनून था। पहले सीडीएस की परीक्षा पास की और बाद में सिविल सेवा में स्थान बनाया।

यश ने द्रौपदी देवी सरस्वती विद्या मंदिर बदायूं से हाईस्कूल तक की पढ़ाई की है। बीसलपुर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर से वर्ष 2017 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। बरेली कॉलेज से इतिहास में परास्नातक करने के बाद वह दिल्ली के करोलबाग में दोस्तों के साथ रहकर तैयारी कर रहे थे। परिवार में माता-पिता ओर छोटी बहन सुकन्या हैं। मां अर्चना चौहान बालाजी इंटर कॉलेज बीसलपुर में प्रधानाचार्य हैं। पिता डॉ. रविशरण सिंह चौहान जय नारायण इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य हैं। फिलहाल, यश भी दिल्ली में हैं।

बरेली। बहेड़ी के केशवपुरम निवासी निर्देश गंगवार ने सिविल सेवा परीक्षा में 360वीं रैंक हासिल की है। दो बार असफल होने के बाद वह निराश नहीं हुए। दोगुनी मेहनत के साथ तीसरे प्रयास में उन्होंने सफलता का परचम लहराया।

निर्देश ने बताया कि उन्होंने असिस कॉन्वेंट स्कूल बहेड़ी से 9वीं तक की पढ़ाई की। नैंसी कॉन्वेंट स्कूल नैनीताल से 12वीं की है। वर्ष 2020 में आईआईटी बीएचयू से माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक किया। एक साल तैयारी करने के बाद वर्ष 2021 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी पर असफल रहे। इसके बाद डेढ़ साल तक गुरुग्राम की आईटी कंपनी में नौकरी की। 

वर्ष 2022 में दूसरी बार प्रयास किया। इस बार भी असफल रहे। वर्ष 2023 में फिर से नौकरी करने गुरुग्राम चले गए। इस दौरान परीक्षा दी, जिसमें 360वीं रैंक आई है। उनका विषय समाजशास्त्र रहा। निर्देश के पिता अशोक कुमार गंगवार एमजीएम इंटर कॉलेज बहेड़ी में प्रधानाचार्य और मां निर्मला गंगवार गृहिणी हैं। फिलहाल, निर्देश गुरुग्राम में हैं।

सफलता के मंत्र

निर्देश ने तकनीकी पृष्ठभूमि होने की वजह से वैकल्पिक विषय की कोचिंग की है। बाकी तैयारी स्वयं की। इसके लिए दिल्ली में पुस्तकालय की सदस्यता ली। वह पुस्तकालय में सुबह नौ बजे जाते थे। वहां खाना-पीने की सुविधा थी। ऐसे में वह रात 10 बजे ही वहां से बाहर निकलते थे। इस बीच कुछ समय के लिए पसंदीदा किताबें, टॉपर्स के इंटरव्यू, प्रेरणादायक कहानियां पढ़ते थे। कुछ समय के लिए सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते थे।