सख्ती : पेपर वायरल करने वाले स्कूल की छीनी मान्यता, यूपी बोर्ड ने की आगरा के स्कूल के खिलाफ कार्रवाई

सख्ती : पेपर वायरल करने वाले स्कूल की छीनी मान्यता, यूपी बोर्ड ने की आगरा के स्कूल के खिलाफ कार्रवाई

29 फरवरी को इंटर जीव विज्ञान और गणित की परीक्षा का प्रश्नपत्र आगरा के जिस स्कूल से व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल हुआ था, उसकी मान्यता शुक्रवार को छीन ली गई। गुरुवार को द्वितीय पाली में श्री अतर सिंह इंटर कॉलेज रोझौली में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी ने अपराह्न तीन बजकर 11 मिनट पर ‘ऑल प्रिंसिपल्स आगरा’ नाम के व्हाट्सएप ग्रुप पर इंटर जीव विज्ञान एवं गणित का पेपर डाला गया था। इस मामले पर बोर्ड की शुक्रवार को हुई बैठक में उक्त विद्यालय की मान्यता समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।

मान्यता की नई नियमावली में प्रश्नपत्र की गोपनीयता भंग करने पर मान्यता प्रत्याहरण का प्रावधान किया गया है जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने साफ किया है कि यदि किसी भी विद्यालय से प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग किए जाने का प्रयास किया जाएगा तो उसकी मान्यता भी तत्काल समाप्त कर दी जाएगी। सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि परीक्षा केन्द्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के अतिरिक्त अन्य कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करें। यदि परीक्षा केन्द्र पर किसी व्यक्ति द्वारा मोबाइल फोन का प्रयोग किया जाता है तो स्टैटिक मजिस्ट्रेट सम्बंधित व्यक्ति के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराएं।

22.65 लाख छात्र आज देंगे इंटर अंग्रेजी की परीक्षा

यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिहाज से शनिवार का दिन भी अहम है। शनिवार को दूसरी पाली में इंटर अंग्रेजी विषय की परीक्षा होगी। इसमें प्रदेश के 8229 केंद्रों पर कुल 22,65,326 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने शुक्रवार को सभी 75 जिलों के शिक्षाधिकारियों के साथ गूगल मीट की। वहीं शुक्रवार को आयोजित हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा में 1546 विद्यार्थी गैरहाजिर रहे। प्रथम पाली में हाईस्कूल मानव विज्ञान एवं इंटर में उर्दू, गुजराती, पंजाबी, बंगाली विषय की परीक्षा हुई।

परीक्षा के दौरान स्मार्टफोन रखने पर उठे सवाल

प्रयागराज, आगरा की परीक्षा से प्रश्नपत्र व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल होने के बाद परीक्षा के दौरान स्मार्टफोन रखने पर भी सवाल खड़े हुए हैं। मुख्य सचिव की ओर से जारी शासनादेश में निर्देश दिए गए थे कि परीक्षा केन्द्र परिसर के अंदर मोबाइल फोन अथवा ऐसे इलेक्ट्रानिक उपकरण जिससे अनुचित साधन प्रयोग की आशंका हो, ले जाने की अनुमति न दी जाए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेन्द्र देव ने शुक्रवार को सभी डीआईओएस को पत्र लिखा है कि शासनादेश का पालन नहीं हो रहा है।