ईओयू : अबतक कितनी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक कराया माफिया : गिनती तो याद नहीं ... यह काम कई बार किया

ईओयू : अबतक कितनी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक कराया माफिया : गिनती तो याद नहीं ... यह काम कई बार किया

  • सरगना ने स्वीकारा - दानापुर, देवघर और बनारस में भी अभ्यर्थियों को रटवाया गया था प्रश्न-उत्तर

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की तृतीय चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कराने वाले गिरोह का सरगना विशाल कुमार उर्फ विशाल चौरसिया पुराना परीक्षा माफिया है। ईओयू की टीम ने विशाल से सवाल किया कि अबतक कितनी प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रश्नपत्र लीक कराया है। जवाब ने उसने कहा- उतना याद नहीं है। कोलकाता गिरोह से मिलकर बहुत सारी परीक्षाओं का पेपर लीक कराया है। विशाल से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसका संपर्क यूपी के जौनपुर निवासी अजीत चौहान से है। अजीत की साठगांठ कोलकाता के कई प्रिंटिंग प्रेस मालिकों से है। इसी गिरोह की मदद से वह बहुत सारी परीक्षाओं का प्रश्नपत्र लीक करा चुका है। 

उसने यह भी कहा कि शिक्षक बहाली का पेपर लीक कराने में उसकी मदद ब्लेसिंग सिक्योर प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक ने की थी। बता दें कि सिपाही बहाली का प्रश्नपत्र भी कोलकाता की ब्लेसिंग सिक्योर प्रिंटिंग प्रेस में ही छपा था। अजीत चौहान पहले भी पेपर लीक मामले में जेल जा चुका है। उसका भाई भी इस जालसाजी में सहयोगी है। बनारस, देवघर और दानापुर में अभ्यर्थियों को पढ़ाया था पेपर ईओयू को 15 मार्च की शिक्षक बहाली की परीक्षा का पेपर लीक होने की सूचना दो दिन पहले मिली थी। उसके बाद 14 मार्च को विशाल चौरसिया समेत तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया। 

तब यह बात सामने आई कि गिरोह हजारीबाग में अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ा रहा है। सूत्रों की मानें तो डब्ल्यू मुखिया और संजीव की टीम ने हजारीबाग में पेपर पढ़ाया। बिजेंद्र गुप्ता व उसके साले राज मोहन ने बनारस में और एक गुट ने दानापुर में भी अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया था। बिजेंद्र हाल में बालासोर जेल से छूटा है। पर दानापुर पुलिस की नजर में फरार है। राज मोहन ओडिशा एसएससी पेपर लीक मामले में फरार है।

हजारीबाग के बैंक्वेट हॉल वाले को पता था गिरोह करा रहा पेपर लीक

हजारीबाग के कोहिनूर बैंक्वेट हॉल में ईओयू ने बड़ी कार्रवाई की। वहां एजी कॉलोनी में साइबर कैफे चलाने वाला अभिषेक भी पकड़ाया। वह केसरी नगर का है। अभिषेक को पेनड्राइव देकर नगरनौसा के प्रदीप ने कोहिनूर बैंक्वेट हॉल भेजा था। उसने बैंक्वेट हॉल के प्रिंटर से 180 कॉपी आंसर टिक किया हुआ प्रश्नपत्र निकाला था। इस बैंक्वेट हॉल में करीब 500 अभ्यर्थी ठहरे थे, जिन्हें प्रोजेक्टर पर प्रश्न और उत्तर रटवाया गया। इसके बदले अभिषेक को 55 हजार रुपए मिले थे। वहीं सुमित का काम अभ्यर्थियों की लिस्ट बनाना और विक्की का काम अभ्यर्थियों को रिसीव करना था।

नीट पेपर लीक मामले में जेल जा चुका है संजीव, डब्ल्यू मुखिया भी पुराना माफिया

नीट पेपर लीक में जेल जा चुका है संजीव सिंह, डब्ल्यू मुखिया भी पुराना माफिया नगरनौसा का संजीव सिंह पुराना परीक्षा माफिया है। नीट पेपर लीक कराने की कोशिश में लगे संजीव सिंह को 2016 में उत्तराखंड पुलिस ने जेल भेजा था। 2017 में उसके बेटे शिव को पटना पुलिस ने नीट पेपर लीक कराने की कोशिश में गिरफ्तार किया था। लखीसराय के डब्ल्यू मुखिया को भी ईओयू तलाश रही है। वह पुराना परीक्षा माफिया है और इसका आपराधिक इतिहास पुलिस खंगाल रही है। विशाल चौरसिया दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर की परीक्षा का पेपर लीक करा चुका है और दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे पकड़ा भी था।

ओडिशा एसएससी का पेपर लीक कराने वाले गिरोह पर ईओयू ने भी की एफआईआर

ओडिशा एसएससी (जूनियर इंजीनियर) पेपर लीक मामले में बालासोर पुलिस ने पिछले साल ग्रामीण कार्य विभाग के एकाउंटेंट (अब निलंबित) विशाल के साथ समस्तीपुर के विद्यापति नगर के बिजेंद्र गुप्ता, कोलकाता की जानकी प्रेस के कर्मी बिरेंद्र सिंह, कोलकाता के पार्थो सेन गुप्ता को जेल भेजा था। ईओयू की टीम ने विशाल के अलावा अजय चौहान, बिरेंद्र सिंह और पार्थो सेन गुप्ता पर केस किया है। पार्थो कोलकाता की प्रिंटिंग प्रेस में लेबर सप्लाई का ठेकेदार है। ओडिशा एसएससी एससी का पेपर जानकी प्रेस में छपा था और वहां पार्थों ने ही लेबर सप्लाई की थी। उसी के लेबर ने प्रश्नपत्रों की बाइंडिंग की थी। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। इसी कारण ओडिशा एसएससी का पेपर हाथ लगा और बिरेंद्र सिंह की मदद से उसे विशाल तक पहुंचाया। शिक्षक बहाली में भी विशाल ने यही तरीका अपनाकर पेपर लीक कराया। अजय पासवान, विनोद कुशवाहा, पवन राजपूत और सुचिंद्र पासवान कोलकाता से पेपर पटना लेकर आए। इन चारों पर भी ईओयू ने केस किया है और तलाश रही है।

नालंदा के 112, लखीसराय के 38, पटना के 36 और मुंगेर के 12 सॉल्वर और अभ्यर्थियों पर केस

शिक्षक बहाली पेपर लीक मामले में ईओयू में 276 अभ्यर्थियों और परीक्षा माफियाओं पर 16 मार्च को केस दर्ज हुआ है। ये सभी बिहार के 29 जिलों से हैं। पुलिस ने अब तक 88 महिलाओं समेत 266 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें यूपी के दो, झारखंड के दो और बंगाल के एक परीक्षा माफिया शामिल हैं। सबसे अधिक नालंदा के 112, लखीसराय के 38, पटना के 36 और मुंगेर के 12 सॉल्वर और अभ्यर्थियों पर केस किया गया है।

कोचिंग संचालक, बीपीएससी कर्मी और प्रेस मालिक पर गिरेगी गाज

कोहिनूर बैंक्वेट हॉल में छापेमारी के क्रम में पुलिस को सीएनएस क्लासेज के डॉक्यूमेंट हाथ लगे हैं। पुलिस संस्थान के बारे में पता लगा रही है। पटना के कुछ और कोचिंग संस्थान के अभ्यर्थी भी पकड़े गए हैं। ईओयू से जुड़े सूत्रों की मानें तो कुछ कोचिंग संस्थान के संचालकों ने अभ्यर्थियों को परीक्षा माफिया से मिलवाया था। ऐसे कोचिंग संस्थान रडार पर हैं। वहीं बीपीएससी के कर्मी भी शक के घेरे में हैं। कोलकाता की ब्लेसिंग सिक्योर और जानकी प्रिंटिंग प्रेस की भी जांच चल रही है।