अभ्यर्थियों को घर बैठे मिला पीसीएस मेंस के बदले पैटर्न का पेपर

अभ्यर्थियों को घर बैठे मिला पीसीएस मेंस के बदले पैटर्न का पेपर

 प्रयागराज, पीसीएस परीक्षा-2024 क्यों शामिल होने जा रहे की अभ्यर्थियों को पीसीएस-2023 मुख्य परीक्षा के पैटर्न में हुए बदलाव के तहत सामान्य अध्ययन के दो नए प्रश्नपत्रों के लिए भटकने की जरूरत नहीं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अपनी वेबसाइट पर पेपर अपलोड कर दिए हैं और अभ्यर्थी घर बैठे इन प्रश्नपत्रों के आधार पर परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।

आयोग ने पीसीएस-2023 की मुख्य परीक्षा के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया था। वैकल्पिक विषयों को हटाकर यूपी विशेष सामान्य अध्ययन के दो नए प्रश्नपत्र शामिल किए थे। अब पीसीएस-2024 की भर्ती शुरू होने जा रही है। इसके लिए प्रारंभिक परीक्षा 17 मार्च को और मुख्य परीक्षा सात जुलाई से प्रस्तावित है। जो अभ्यर्थी पहली बार इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, उन्हें तैयारी के लिए पिछली परीक्षा के प्रश्नपत्रों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए आयोग

ने अपनी वेबसाइट पर यूपी विशेष सामान्य अध्ययन के दोनों प्रश्नपत्र अपलोड कर दिए हैं। सिर्फ यही नहीं, आयोग ने 110 परीक्षाओं के पेपर अपलोड किए हैं। इसके साथ ही पीसीएस-2023 की प्रारंभिक परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्र भी अपलोड किए गए हैं। वहीं, पूर्व में आयोजित पीसीएस मुख्य परीक्षाओं के बैकल्पिक विषयों के प्रश्नपत्र भी हालांकि, पीसीएस परीक्षा से

वैकल्पिक विषय हटाए जाने के बाद अभ्यर्थियों को अब वैकल्पिक विषयों के प्रश्नपत्रों की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा एवं अन्य राज्यों की पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए ये प्रश्नपत्र उपयोगी साबित होंगे। अभ्यर्थी इन प्रश्नपत्रों के आधार पर तैयारी कर सकेंगे।

इसके अलावा आयोग ने पीसीएस जे परीक्षा-2012, 2013, 2015, 2016 और 2018 के प्रश्नपत्र भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। इससे पीसीएस जे परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को पुराने प्रश्नपत्रों वा लिए बाजार में भटकना नहीं पड़ेगा।

बल न्यायाधिकरण, लखनऊ के फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि, पीठ ने कहा कि अधिकारी को हटाने को गलत और अवैध बताने वाले न्यायाधिकरण के आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। ब्यूरो

कोई भी दलील स्वीकार करने में असमर्थ

पीठ ने कहा, हम यह दलील स्वीकार करने में असमर्थ हैं कि स्थायी कमीशन अधिकारी को इस आधार पर मुक्त किया जा सकता है क्योंकि उन्होंने शादी कर ली थी। कोर्ट को बताया गया कि 1977 के सैन्य नर्सिंग सेवा में स्थायी कमीशन देने के लिए सेवा के नियम और शर्तें-निर्देश संख्या 61 को 29 अगस्त, 1995 को वापस ले लिया गया था। इसके अनुसार शादी करने या कदाचार पर नियुक्ति रद्द की जा सकती है।