पुरानी पेंशन भविष्य को बचाने की लड़ाई: मिश्र

पुरानी पेंशन भविष्य को बचाने की लड़ाई: मिश्र

पुरानी पेंशन की बहाली भविष्य को बचाने की लड़ाई है। फरवरी के पहले सप्ताह में दिल्ली में बैठक प्रस्तावित की गई है। इस बैठक में पेंशन बचाओ मंच भी रहेगा। उसमें रेलवे के चक्का जाम पर निर्णय लिया जाएगा। रेलवे के चक्का जाम में दूसरे कर्मचारी संगठन भी होंगे, जिसमें केंद्रीयकर्मी और राज्यकर्मी और शिक्षक भी होंगे। देखा जाये तो यह सिर्फ रेलवे नहीं बल्कि भारत बंद का एलान होगा।

यह बातें सोमवार को ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहीं। वे चारबाग स्थित नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन के लेखा मंडल की ओर से आयोजित सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में अधिवेशन की सफल जिम्मेदारी संभालने वाले कर्मचारी नेताओं को सम्मानित किया गया। इनमें मुख्य रूप से मंडल मंत्री कामरेड उपेंद्र कुमार सिंह और मंडल अध्यक्ष बलबीर राज को बधाई देकर सम्मानित किया गया।

शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि इस लड़ाई में कर्मचारी ही नहीं अफसर भी शामिल हैं। सरकार ने कमेटी बनाई लेकिन कई सालों बाद भी उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। आईएएस, आईपीएस, पैरा मिलिट्री के लोग भी पेंशन बहाली के लिए सरकार के पास गये थे। अफसरों ने उन्होंने पूछा था कि पुरानी पेंशन वालों की तुलना में न्यू पेंशन वालों को कम पेंशन मिलेगी। इसमें हमारा क्या दोष है। अफसर उनके सवालों का जवाब नहीं दे सके थे। पेंशन बहाली की लड़ाई में युवाओं के साथ आने से उत्साह बढ़ा है।

अप्रैल में शताब्दी समारोह मनाएंगे

एआईआरएफ के 100 वर्ष पूरे होने पर शताब्दी समारोह मनाएगा। चार दिवसीय कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किए जाएंगे। इनमें 23 अप्रैल को दिल्ली में युवा सम्मेलन होगा। 24 अप्रैल को महिला सम्मेलन और 25 को रैली निकलेगी। यह कार्यक्रम इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स स्टेडियम दिल्ली में होगी।

निजीकरण हुआ तो बिना नोटिस हड़ताल

दिल्ली में रेलमंत्री अश्वनी वैष्णो रेलवे का डाक टिकट जारी करेंगे। अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। उन्होंने रेलवे के निजीकरण के सवाल पर कहा कि रेलमंत्री पर भरोसा है। रेलवे का निजीकरण नहीं होगा। अगर फिर भी निजीकरण की बात होगी तो बिना नोटिस देश भर में हड़ताल होगी।