बैंकिंग फ्रॉड/वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या तरीके अपनाएं

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बैंकिंग फ्रॉड/वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या तरीके अपनाएं...

जानकारी ही बचाव है

तरीका नम्बर: 1- साइबर अपराधी अक्सर कोई नार्मल मैसेज भेजकर बिजली बिल बकाया ,या बैंक खाते में पैन-आधार लिंक नही है, इस तरह का मैसेज भेजकर दिए गए नम्बर पर कॉल करने को कहते हैं।

ऐसी स्थिति में ध्यान दें कि सर्वप्रथम आपको ऐसे मैसेज का कोई रिप्लाई नही देना है। यदि वह आपसे 1 रुपये या 10 रुपये या अन्य कोई राशि ट्रांसफर करने को कहता है या कोई एप डाउनलोड करने को कहता है तो भूलकर भी ऐसा कुछ न करें।और जब भी विद्युत विभाग/बैंक के कस्टमर केअर पर कॉल करनी हो ,उनके टोल फ्री नम्बर पर कॉल करें। टोल फ्री नम्बर 4 अंक का होगा या फिर 12 अंक का।

तरीका नम्बर 2- आजकल एक नया ट्रेंड चल रहा है ,जिसमें साइबर अपराधी आपको कॉल करके आपका दूर/नजदीक का रिश्तेदार बनकर अनजान नम्बर से आपसे पैसे मांगता है। यहां आप ध्यान दें कि ऐसे किसी भी अनजान नम्बर पर कभी भी रेस्पॉन्स न दें।

तरीका नम्बर 3- कभी कभी साइबर अपराधी आपको काल करके विश्वास में लेकर आपको लॉटरी आदि का लालच देता है और आपको कहता है कि वह पैसे भेज रहा है आप उस लिंक को ओपन करें,

जिसे ही आप लिंक ओपन करते हैं वह लिंक आपको आपके upi एप पर ले जाता है ,जहां लिंक ओपन करते ही आपसे पिन मांगता है। पिन डालने पर उस व्यक्ति की रिक्वेस्ट पड़ी होती है जो आपके एक्सेप्ट और पिन डालते ही साइबर अपराधी के खाते में ट्रांसफर हो जाती है।

कभी कभी वह आपको लिंक भेजकर ANY DESK एप डाउनलोड करवा लेता है। जिससे आपके मोबाइल का एक्सेस उसके पास पहुंच जाता है। इस स्थिति में वह आपका खाता खाली कर देता है।

विशेष: तीन बात पर विशेष ध्यान दें तो काफी हद तक आप साइबर अपराध का शिकार नही होंगे..

पहला- ANYDESK एप कभी भी इंसटाल नही करना है।

दूसरा- OTP कभी भी किसी के साथ शेयर नही करना है।

तीसरा- कोई भी अमाउंट किसी भी दशा में अनजान व्यक्ति को ट्रांसफर नही करना है।

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अनुभव बैंक खाते से फ्रॉड होने पर....

यदि फिर भी जाने-अनजाने आप या आपके किसी परिचित के साथ ऐसी कोई धोखाधड़ी हो जाती है तो आप इन बातों का ध्यान रखें तो अधिकतम नुकसान की भरपाई सम्भव है...

धोखाधड़ी होने पर जितना जल्दी हो सबसे पहले 1930 या 155260 टोल फ्री नम्बर पर अपने बैंक में दर्ज रजिस्टर्ड नम्बर से कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा दें।

■ इसके बाद अब बैंक के टोल फ्री नम्बर पर अपना डेबिट कार्ड ,नेट बैंकिंग ये सब बन्द करवा दें।

■ इसके पश्चातअपने बैंक की होम ब्रांच जाकर शाखा प्रबंधक के नाम एक एप्लीकेशन दें और साथ मे 100 रुपये की नोटरी भी, नोटरी इसलिए कि आपने अपनी नेट बैंकिंग डिटेल्स, OTP आदि किसी के साथ शेयर नही की है। इसकी रिसीविंग लें और अपने खाते को फ्रीज करा दें।

ब्रांच मैनेजर आपसे SOP फॉर्म भरायेगा, उसे अवश्य भरें।

यदि तत्काल शाखा पहुंचना सम्भव न हो तो बैंक मैनेजर को एप्लीकेशन व्हाट्सएप्प पर भेज दें और कॉल से भी बता दें।

लेकिन ध्यान रखें ,अगले दिन बैंक शाखा जाना जरूरी है।

अब अनाधिकृत ट्रांसेक्शन की डिटेल्स पासबुक या ब्रांच से निकालकर अपने ज़िले की साइबर सेल में दें जिसमे एप्लीकेशन प्रभारी निरीक्षक,साइबर सेल जनपद..... के नाम, उसके साथ अपना आधार, डेबिट कार्ड नंबर, ट्रांसक्शन्स डिटेल्स।

या

यदि आप लखनऊ जनपद के हैं तो घटना होने के बाद जितना जल्दी हो सके ,उतना जल्दी साइबर सेल थाना कोतवाली हजरतगंज लखनऊ में एक एप्लीकेशन अवश्य दें, ट्रांसक्शन्स डिटेल्स और आधार ID के साथ।

■ ज़िले में साइबर सेल में एप्लीकेशन देने के बाद आप उस थाने में जाएं जिस थाने के अंतर्गत आपकी होम ब्रांच यानी जहां आपका खाता है ,वहां जाकर FIR कराएं ध्यान रहे FIR जरूरी है
FIR लिखने में आनाकानी बहुत करते हैं। यदि FIR न लिख रहे हों तो जनसुनवाई APP पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें तब वह FIR जरूर लिखेंगे।

■ यदि धोखाधड़ी 1 लाख से अधिक है तो आपको अपनी शिकायत साइबर थाना गोमतीनगर लखनऊ में करनी होगी। चाहे आप जिस भी जनपद के हों।

■ अब आप अपनी एक शिकायत https://pgportal.gov.in पर भी दर्ज करा दें।

■ अब आप अपने बैंक के AGM, DGM, Chairman, आदि की Email Id पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें।

■ घटना घटित होने के 30 दिन तक यदि बैंक से कोई रेस्पॉन्स न मिल रहा हो तो आप बैंकिंग लोकपाल कानपुर को https://m.rbi.org.in//Scripts/Complaints.aspx पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें।

बैंक में ब्रांच मैनेजर के उत्तर से निराश न हों ,बैंक का एक ही उत्तर होता है ....गलती आपकी है आपने डिटेल्स साझा की होगी ... OTP बताया होगा आदि आदि

थाने का एक ही जवाब..विवेचना जारी है...

यदि आपकी कोई गलती नही है , तो आपका पैसा मिलेगा अवश्य, बस धैर्य रखकर ये सब प्रक्रिया करनी है।
समय अवश्य 6 से 8 माह लग सकता है।