नाबालिग ने वाहन चलाया तो जेल जाएंगे अभिभावक
- बच्चों को गाड़ी देने पर तीन साल तक की होगी जेल, भरना होगा 25 हजार जुर्माना
- परिवहन विभाग के सहयोग से माध्यमिक विद्यालयों में चलेगा जागरुकता अभियान
लखनऊ, प्रदेश में 18 साल से कम आयु के बच्चे स्कूटर, मोटरसाइकिल या कार नहीं चला सकेंगे। शासन ने इस पर रोक लगा दी है। यदि अभिभावक संरक्षक ने बच्चों को दो या चारपहिया वाहन चलाने दिया, तो उन्हें तीन साल तक की सजा के साथ 25 हजार रुपये जुर्माना भुगतना होगा।
परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कम उम्र में वाहन चलाने से होने वाले हादसों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में नई धारा जोड़ी है।
इसमें किशोर के वाहन चलाते पकड़े जाने पर अभिभावकों को दंडित करने का प्रावधान है। ऐसे वाहन का पंजीकरण भी एक साल के लिए निरस्त कर दिया जाएगा जो किशोर वाहन चलाते पकड़े जाएंगे, उनका ड्राइविंग लाइसेंस 25 वर्ष की आयु के बाद बनेगा। ब्यूरो
हर कक्षा में एक विद्यार्थी रोड सेफ्टी कैप्टन
माध्यमिक विद्यालयों में नए नियम के बारे में सख्ती करने के साथ जागरुकता अभियान चला जाएगा। हर विद्यालय में सड़क सुरक्षा लब बनेगा माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि जागरूकता अभियान के तहत सभी कक्षाओं में एक-एक विद्यार्थी को रोड सेफ्टी कैप्टन बनाया जाएगा। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। एक क्लास सड़क सुरक्षा की जानकारी पर भी लगेगी एक शिक्षक को नोडल शिक्षक बनाकर ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा।