60,000 प्राइमरी शिक्षकों को योगी सरकार देगी नए वर्ष का तोहफा
नए वर्ष के मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूल के शिक्षकों को बड़ा तोहफा देने का फैसला लिया है। प्रदेश की योगी सरकार ने शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ कर दिया है। तकरीबन एक दशक के बाद इन शिक्षकों का प्रमोशन होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों के लिए निर्देश दिया है कि वह सरकारी कर्मचारियों के लंबित पड़े प्रमोशन की प्रक्रिया को पूरा करे। तकरीबन 60 हजार शिक्षकों की पहचान की गई है जिन्हें इस प्रमोशन का लाभ होगा।
सरकार द्वारा संचालित प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल जोकि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद काउंसिल के तहत चल रहे हैं, यहां के शिक्षक पिछले एक दशक से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को आखिरी बार प्रमोशन 2015 में मिला था। उस वक्त जिन शिक्षकों की नियुक्ति 2009 में हुई थी, उन्हे इसका लाभ हुआ था।
बेसिक शिक्षा के सचिव की ओर से जो आदेश जारी किया गया है उसके अनुसार 6 जनवरी तक शिक्षको को स्कूल अलॉट कर दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा के सचिव पीएस बघेल ने बताया कि मौजूदा नियम के तहत अंतर्जनपदीय शिक्षकों का ट्रांसफर भी जनवरी माह के दूसरे हफ्ते तक पूरा हो जाएगा। इसे 11 जनवरी से 13 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हर जिले के शिक्षा अधिकारी उन शिक्षकों की लिस्ट तैयार करें जिन्हें प्रमोशन का लाभ मिलना है। प्राइमरी के शिक्षक असिस्टेंट शिक्षक, प्राइमरी के हेड मास्टर को इस प्रमोशन का लाभ मिलेगा। सभी बीएसए को निर्देश दिया गया है कि वह नई ज्वाइनिंग किए शिक्षकों और प्रमोट हुए शिक्षकों की लिस्ट को जल्द ही मानव संपदा पर अपडेट करें।
एक शिक्षक ने कहा कि नियम के अनुसार भर्ती के तीन साल बाद ही शिक्षकों का प्रमोशन हो सकता है। फरवरी 2009 के बाद जिन शिक्षकों की भर्ती हुई है उनका प्रमोशन 2012 में होना चाहिए था। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। लेकिन प्रमोशन नहीं होने की वजह से हजारों शिक्षक को हर महीने 2500-3000 रुपए का नुकसान हो रहा है। अधिकतर स्कूल बिना हेडमास्टर के ही चल रहे हैं, उनकी जगह शिक्षक ही इस भूमिका निर्वहन कर रहे हैं।
एक अन्य शिक्षक ने कहा कि हमे उम्मीद है कि नया वर्ष शिक्षकों के लिए प्रमोशन लेकर आएगा। मौजूदा समय मे 1.9 करोड़ छात्र 1.3 लाख सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। पांच लाख से अधिक शिक्षक इन स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं।