स्कूलों में 2017 से पहले नहीं थीं सुविधाएं: योगी

स्कूलों में 2017 से पहले नहीं थीं सुविधाएं: योगी

  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले गरीब का बच्चा ऐसे विद्यालयों में पढ़ने को मजबूर था, जहां सुविधा, शिक्षक और कनेक्टिविटी नहीं थी। इतना ही नहीं ये विद्यालय बंद होने की कगार पर थे। हमने सत्ता में आने के बाद ऑपरेशन कायाकल्प के जरिये विद्यालयों को अपग्रेड करना शुरू किया। 

आज बेसिक के 96 प्रतिशत विद्यालयों को ऑपरेशन कायाकल्प में अपग्रेड किया जा चुका है। इन विद्यालयों में एक्स्ट्रा क्लास, टॉयलेट, लैब और स्मार्ट क्लास का निर्माण किया गया।

ये बातें मुख्यमंत्री ने गुरुवार को लोकभवन में आयोजित 404 करोड़ रुपये की धनराशि से पीएम श्री स्कूलों के आधुनिकीकरण का शुभारंभ एवं प्रोजेक्ट अलंकार के तहत माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 347 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित करने के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया जिस समय कोरोना से ग्रस्त थी, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 140 करोड़ की आबादी को बचाने के साथ नई शिक्षा नीति की आधारशिला रखी। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सीएम योगी ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत समूह ‘ख’ के नवचयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटे।

पिछली सरकार को नकल में हासिल थी महारत

सीएम ने कहा कि पिछली सरकार ने नकल में काफी महारत हासिल कर रखी थी। उस दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल समेत अन्य राज्यों के बच्चे प्रदेश में परीक्षा देने के लिए नामांकन कराते थे क्योंकि उन्हें यहां पर परीक्षा में नकल सामग्री उपलब्ध कराई जाती थी। हमने सरकार आते ही इस पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया और स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया।