निजी संस्थानों में एससी-एसटी छात्रों को शून्य फीस पर दाखिले अगले साल से

निजी संस्थानों में एससी-एसटी छात्रों को शून्य फीस पर दाखिले अगले साल से

प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र-छात्राओं के दाखिले जीरो फीस पर दाखिले की व्यवस्था अगले साल निजी शिक्षण संस्थानों में भी लागू हो सकती है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। अगले साल निजी शिक्षण संस्थानों में भी इस व्यवस्था को लागू करने के बारे में तय किया जाएगा। मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट होकर सपा सदस्यों ने प्रदेश सरकार पर दलित विरोधी होने के आरोप लगाते हुए सदन से बर्हिगमन किया। सपा सदस्यों का कहना था कि जीरो फीस पर दाखिला नहीं हो पा रहा है।

अयोध्या की सोहावल विधान सभा सीट से सपा के वरिष्ठ विधायक अवधेश प्रसाद, लालजी वर्मा और डा.रागिनी सोनकर ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं क्योंकि उन्हें जीरो फीस पर दाखिल नहीं मिल पा रहे हैं।

चर्चा का जवाब देते हुए समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने कहा कि पहले जीरो फीस पर दाखिले होते थे, छात्रवृत्ति और फीस प्रतिपूर्ति से फीस की भरपाई होती थी मगर बाद में यह व्यवस्था बंद कर दी गयी। इसके बाद केन्द्र सरकार ने एक नयी व्यवस्था फ्रीशिप कार्ड की शुरू की। इसके तहत जो छात्र-छात्राएं जीरो फीस पर दाखिला चाहते हैं वह समाज कल्याण के पोर्टल पर विवरण दर्ज करवाएंगे, उसके बाद उन्हें फ्रीशिप कार्ड मिलेगा।