बड़े स्तर पर स्कूलों का विलय कराना चाहता है नीति आयोग

बड़े स्तर पर स्कूलों का विलय कराना चाहता है नीति आयोग

नीति आयोग ने कहा है कि भारत को छोटे, कम स्तर और कम नामांकन वाले स्कूलों को पास के के स्कूलों में विलय करने और अपने सीखने के बेहतर परिणाम के लिए शिक्षकों की भर्ती को तर्कसंगत बनाने की कवायद करने की जरूरत है।

सस्टेनेबल ऐक्शन ऐक्शन फॉर ट्रांसफार्मिंग ह्यूमन कैपिटल इन एजुकेशन (साथ-ई) पर अपनी रिपोर्ट में मंगलवार को नीति आयोग ने कहा है कि भारत में चीन की तुलना में उतने ही पंजीकरण पर 5 गुना ज्यादा स्कूल हैं और तमाम राज्यों में 50 प्रतिशत से ज्यादा प्राथमिक विद्यालयों में 60 से भी कम विद्यार्थी हैं। 

3 राज्यों में इसकी प्रायोगिक योजना चलाने के बाद नीति आयोग ने विस्तृत रिपोर्ट दी है। नीति आयोग ने कहा है कि इस तरह कम स्तर वाले स्कूलों में छात्रों की संख्या कम होती है और उनके माता पिता जवाबदेही की मांग कर सकते हैं, जहां बुनियादी ढांचा खराब है और ऐसे स्कूलों में 1-2 अध्यापक ही पूरा काम संभालते हैं।

प्रायोगिक योजना के तहत झारखंड ने 4,300 स्कूलों का विलय कर 400 करोड़ रुपये की बचत की है। मध्य प्रदेश में विलय के लिए 35,000 स्कूल चिह्नित किए गए हैं। ओडिशा में 2,000 स्कूलों का विलय राज्य सरकार द्वारा किया गया है।