एक दशक लड़ाई, प्रिंसिपल बनने का सपना अधूरा

 

एक दशक लड़ाई, प्रिंसिपल बनने का सपना अधूरा





प्रयागराज। सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाचार्य भर्ती 2013 के जरिए प्रिंसिपल बनने का सपना तकरीबन एक दशक बाद भी पूरा नहीं हो सका है। एडेड कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 632 पदों पर भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 2013 के अंत में शुरू हुई भर्ती पहले तो नौ साल तक कानूनी दांवपेंच में उलझी रही।

लंबी लड़ाई के बाद चयन बोर्ड ने 11 से 13 नवंबर 2022 के बीच 632 में से 581 पदों का परिणाम घोषित किया था। इनमें से तकरीबन आधे शिक्षक ही कार्यभार ग्रहण कर सके थे कि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने चयन प्रक्रिया में नौ साल का समय लगने पर फरवरी 2023 में भर्ती निरस्त कर दी।

उसके बाद से चयन बोर्ड और चयनित प्रधानाचार्यों की अपील डबल बेंच में विचाराधीन है।


मेवालाल अयोध्या प्रसाद इंटर कॉलेज सोरांव में इतिहास के प्रवक्ता डॉ. शैलेश पांडेय का चयन प्रधानाचार्य भर्ती 2013 के माध्यम से पटेल विद्यापीठ इंटर कॉलेज रमाबाई नगर कानपुर, जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय न्यायीपुर चौबारा, वीपी गुजराती विद्या मंदिर भैरोनाथ और चन्द्रपाल इंटर कॉलेज गोरागंज रायबरेली में हुआ था। लेकिन कार्यभार ग्रहण करने से पहले ही भर्ती विवादों में घिर गई।

अमित श्रीवास्तव बलभद्र इंटर कॉलेज मड़ियाहूं जौनपुर का चयन प्रधानाचार्य सीओडी छिवकी नैनी में हुआ था। उदय सिंह का बलभद्र इंटर कॉलेज मड़ियाहूं जौनपुर में चयन हुआ था। दोनों ही कार्यभार ग्रहण नहीं कर सके।

फैक्टफाइल

● 2013 में एडेड कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 632 पदों पर आवेदन शुरू हुआ था।

● 2023 फरवरी में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निरस्त कर दिया रिजल्ट।