विवि का ऐलान, बिना फीस नहीं कराएंगे परीक्षा
आगरा, कॉलेजों पर आठ साल की फीस बकाया है। कॉलेज छात्रों को आगे कर फीस देने से बचते रहे हैं। ऑडिट में बकाया फीस पर आपत्ति दर्ज करायी गयी है। ऐसे में अब कोई भी छात्र बिना शुल्क के परीक्षा में नहीं शामिल होगा।
पिछले दो दिनों में लगभग 1.25 करोड़ रुपय्ये बकाया शुल्क लिया गया है। इसके बाद ही प्रवेशपत्र जारी किए गए। यह कहना है डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी का। परीक्षा के हालात पर खड़े हो रहे सवालों के जवाब विवि ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए। कुलपति प्रो. आशुरानी ने बताया कि कॉलेजों ने अभी तक परीक्षा शुल्क नहीं दिया था।
अलीगढ़ मंडल के 74 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने फीस नहीं दी थी। कॉलेजों पर लाखों रुपये की फीस बकाया है। अब विवि ने सख्त फैसला लिया है कि बिना शुल्क दिए कॉलेजों को परीक्षा में शामिल नहीं कराया जाएगा। पूर्व में भी कॉलेजों का परिणाम रोका था। उस समय कॉलेजों ने सिर्फ 2022 की शुल्क दे दी थी।
विवि सत्र को नियमित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन जब तक कॉलेज समय से फॉर्म नहीं भरवाएंगे। अंतिम समय तक प्रक्रिया को लटकाएंगे तो यह संभव नहीं हो सकेगा।
प्रेसवार्ता में कुलसचिव राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश, समन्वयक प्रो. मनुप्रताप सिंह मौजूद रहे।
आगरा के कॉलेजों से बाद में वसूलेगा विवि
विश्वविद्यालय बेशक बिना फीस के कॉलेजों को परीक्षा में शामिल करने से रोक रहा हो, लेकिन अभी आगरा मंडल के कॉलेजों को इससे बाहर रखा गया है। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। विवि अभी का पूरा ध्यान अलीगढ़ मंडल के कॉलेजों पर है। क्योंकि अब यह कॉलेज विश्वविद्यालय के दायरे से बाहर हो गए हैं। ऐसे में मुख्य परीक्षा के बाद इन कॉलेजों से फीस वसूलना विवि के लिए संभव ही नहीं होगा।
केंद्र पहले बनाए, हंगामा न हो इसलिए नहीं दिखाए
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने जानबूझकर केन्द्र निर्धारण में नियमों को ताक पर रखा। विवि ने परीक्षा से एक दिन पहले तक केन्द्रों की अंतिम सूची जारी नहीं की।
यह बात विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आशु रानी ने स्वीकार की। उन्होंने कहा कि केन्द्रों तैयार हो गए थे। सूची जारी होने के बाद हंगामा होता, ऐसे में परीक्षा से पहले ही सूची जारी की गयी।