जर्जर विद्यालयों में पढ़ने के लिए मजबूर नौनिहाल
कदौरा:- उखड़ा प्लास्टर, कमजोर दीवार और चटका हुआ लिंटर, यह हाल है कदौरा ब्लॉक के बीहड़ गांव इकौना स्थित कंपोजिट विद्यालय का। इससे भवन की मजबूती का अनुमान लगाया जा सकता है। यहां 347 बच्चे पंजीकृत हैं और आठ शिक्षक कार्यरत हैं।
बरसात के दिनों में इसके गिरने का खतरा बढ़ जाता है। कमजोर और जर्जर होने की वजह से बारिश में पानी टपकने लगता है। बच्चों से इस बात की जानकारी होने पर जब प्रधानाध्यापक सत्यपाल सिंह से बात की तो उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की। बताया कि बारिश में छत्त टपकती है। अभिभावक भी मान रहे हैं कि स्कूल का भवन कमजोर है। बरसात में उसके गिरने का खतरा रहता है, डर के कारण बच्चे को नहीं भेजते हैं।
इसी तरह ग्राम पंचायत मझवार में प्राथमिक विद्यालय पहुंची। यहां 49 बच्चे व तीन शिक्षक मिले। वहां भी भवन जर्जर हालत में मिला।
शिक्षक बच्चों को बरामदे में पढ़ा रहे थे। यही नहीं दोनों ही विद्यालय में स्कूल खुलने से पहले सफाई कराए जाने के नियमों की भी धज्जियां उड़ती मिली।
जल्द गिराए जाएंगे जर्जर भवन - बीईओ
इस संदर्भ में जब बीईओ सैलेजा व्यास से संपर्क किया तो उन्होंने स्कूलों की जर्जर हालत को स्वीकारा। उन्होंने बताया कि ब्लॉक क्षेत्र में 16 या 17 विद्यालय जर्जर हैं। इनकी सूची बनाई है, तीन से चार दिनों में कुछ विद्यालयों को गिरा दिया जाएगा।

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