फैसला: 100 छात्र हों तभी संस्कृत विद्यालय को मदद

फैसला: 100 छात्र हों तभी संस्कृत विद्यालय को मदद

प्रदेश में अब 100 से अधिक छात्र संख्या वाले संस्कृत विद्यालयों को ही प्रोजेक्ट अलंकार के तहत आर्थिक मदद देगी सरकार। इससे कम छात्र संख्या वाले संस्कृत विद्यालयों को अब योजना का लाभ नहीं मिलेगा। राज्य सरकार ने बाकायदा शासनादेश जारी कर प्रोजेक्ट अलंकार के तहत दिए जाने वाले आर्थिक मदद के मानक तय कर दिए हैं। 

सरकार के इस नए कदम से जीर्ण-शीर्ण हालत वाले संस्कृत विद्यालयों को अब अपनी छात्र संख्या का विशेष ध्यान रखना होगा तभी उन्हें अपने भवनों के सुधार या नवनिर्माण के लिए समुचित धन मिल सकेगा।

प्रदेश के जीर्ण-शीर्ण हालत वाले भवनों में चल रहे माध्यमिक शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन राजकीय विद्यालयों जिसमें संस्कृत विद्यालय भी शामिल हैं, के भवनों के मरम्मत या पुनर्निर्माण, विस्तार, विद्युतीकरण आदि के लिए सरकार ने प्रोजेक्ट अलंकार शुरू किया था। 

पुराने राजकीय विद्यालयों के जर्जर भवनों का पुनर्निर्माण आदि के लिए समुचित धन का प्रावधान न हो पाने के कारण प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सैकड़ों राजकीय विद्यालय जर्जर स्थिति में हैं तथा बजट अभाव के कारण इनमें से कई विद्यालयों में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं का सम्यक विकास नहीं हो सका है। प्रदेश में इस समय 1166 संस्कृत विद्यालय हैं जिनमें एक लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। 

जिसमें से कुछ संस्कृत विद्यालय अत्यधिक पुरातन होने के कारण जर्जर स्थिति में है। इन विद्यालयों के जर्जर भवनों को दुरुस्त करने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रोजेक्ट अलंकार के मद में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 300 करोड़ रुपये रखे गए हैं। बताया जाता है कि प्रदेश के ज्यादातर संस्कृत विद्यालयों के भवन जर्जर हालत में हैं।

इस तरह दी जाएगी राशि

अब 100 से 250 छात्र वाले आवासीय विद्यालयों को 50 लाख तक मदद दी जाएगी जबकि अनावासीय विद्यालयों को 25 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसी प्रकार से 251 से 500 छात्र वाले आवासीय को 75 लाख एवं अनावासीय को 50 लाख दिए जाने का प्रावधान किया गया है। वहीं 500 से अधिक छात्र संख्या वाले आवासीय को एक करोड़ तथा अनावासीय विद्यालयों में 75 लाख तक मदद दी जाएगी।

संख्या कम होने पर नहीं मिलेगी प्रोजेक्ट से मदद

इसके तहत 100 या उससे अधिक संख्या वाले विद्यालयों को ही अब प्रोजेक्ट से आर्थिक मदद हासिल हो सकेगी। जिस विद्यालय में 100 से कम छात्र होंगे उन विद्यालयों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।