राज्य के ढाई करोड़ स्कूली बच्चों की ट्रैकिंग पोर्टल से की जाएगी

मध्याह्न भोजन से लेकर शिक्षा विभाग की योजनाओं की ऑनलाइन निगरानी हो सकेगी

  • एक पोर्टल से होगी शिक्षा विभाग की सभी योजनाओं की निगरानी।
  • पोर्टल में डाटा इंट्री के लिए जिलों के अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण।
  • शिक्षा विभाग ने समेकित सॉफ्टवेयर ‘ई-शक्तिकोष’तैयार किया।

पटना, राज्य के ढाई करोड़ स्कूली बच्चों की ऑनलाइन ट्रैकिंग पोर्टल के माध्यम से होगी। सभी बच्चों का साल-दर-साल आंकड़ा इस पर अपडेट किया जाएगा। इससे बच्चों की ऊंची कक्षाओं में नामांकन होने या ना होने की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी। बच्चों की ट्रैकिंग के साथ ही मध्याह्न भोजन से लेकर शिक्षा विभाग की अन्य सभी योजनाओं की मॉनिटिरंग भी अब एक ही पोर्टल से होगी।

शिक्षा विभाग ने सभी तरह के आंकड़े और योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए समेकित साफ्टवेयर ‘ई-शक्तिकोष’तैयार किया है। इसमें बच्चों के साथ-साथ सभी शिक्षकों का पूरा इतिहास भी दर्ज रहेगा। इस पोर्टल के संचालन और इसमें तमाम तरह की जानकारियां और आंकड़े दर्ज कराने को लेकर राज्य स्तर पर जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को प्रशिक्षण छह से नौ जून तक दिया गया है। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। अब इन पदाधिकारियों के माध्यम से पहले प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों और फिर स्कूल के प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि, इस पोर्टल पर वास्तविक जानकारी उपलब्ध हो सके।

मालूम हो कि वर्तमान में विभाग की विभिन्न योजना के लिए अलग-अलग पोर्टल कार्य कर रहे हैं। अब सभी तरह की जानकारियां एक पोर्टल पर रहेंगी। साथ ही बच्चों की ट्रैकिंग की नई व्यवस्था भी इसके माध्यम से शुरू की जा रही है। वर्तमान में यू-डायस पर स्कूली बच्चों के आंकड़े रहते हैं, जिन्हें भी इस नये पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा।

स्कूल भवन, कक्ष आदि आंकड़े भी होंगे

स्कूल भवन, उनके कक्ष आदि से संबंधित आंकड़े भी इस पर रहेंगे। पदाधिकारी बताते हैं कि विभाग की सभी योजनाओं का लेखा-जोखा इस पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। यहां तक कि बच्चों का टीसी भी इसके माध्यम से ऑनलाइन कट सकेगा। वर्तमान में राज्य के दो करोड़ 41 लाख स्कूली बच्चों की सूची यू-डायस पर उपलब्ध करायी गयी है, जिसे उक्त नए समेकित सॉफ्टवेयर में दर्ज कर दिया जाएगा।

स्कूलों की प्रतिदिन की रिपोर्ट इसपर दर्ज होगी

किस दिन स्कूल में कितने बच्चे आये और कितनों ने मध्याह्न भोजन खाया, इसकी जानकारी भी इस पर रहेगी। प्रतिदिन की रिपोर्ट इस पर दर्ज होगी। वहीं, शिक्षकों की नियुक्ति तिथि से लेकर अब-तक का उनका पूरा इतिहास ऑनलाइन रूप से एक जगह पर मौजूद रहेगा। वर्तमान में इस तरह के डिजिटल आंकड़े एक जगह पर उपलब्ध नहीं हैं। एक पोर्टल पर इनका इतिहास दर्ज होने से मुख्यालय स्तर से ही किसी भी जिले में कार्यरत शिक्षकों की पूरी जानकारी एक क्लिक पर मिल जाएगी। वहीं दूसरी ओर, स्कूलों के आधारभूत संरचना के निर्माण कार्य की भी मॉनिटरिंग इस पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।