पुलिस प्रताड़ना से क्षुब्ध छात्र ने फांसी लगाई

पुलिस प्रताड़ना से क्षुब्ध छात्र ने फांसी लगाई

  • रहीमाबाद कोतवाली के दो दरोगा और सिपाही लाइन हाजिर किए गए।
  • छात्र पर धाराएं हटाने के लिए मांग रहे थे 50 हजार रुपये की घूस।

रहीमाबाद, रहीमाबाद में यूपीएससी की तैयारी कर रहे आशीष कुमार (22) ने रविवार सुबह फांसी लगा खुदकुशी कर ली। छात्र के कमरे से सुसाइड नोट मिला। इसमें रहीमाबाद कोतवाली में तैनात दो दरोगा व सिपाही के साथ उस पर मुकदमा दर्ज कराने वाले विपक्षी को खुदकुशी के लिए जिम्मेदार ठहराया है। डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने आरोप के आधार पर दो दरोगा और एक सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया है।

एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि आशीष की मां सुशीला की तहरीर पर नन्दू विश्वकर्मा, श्यामलाल, दरोगा राजमणि, लल्लन पाल व सिपाही मोहित के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में केस दर्ज किया गया है। जांच एसीपी मलिहाबाद को सौंपी है। गहदो निवासी आशीष सिविल सेवा परीक्षा के लिए ऑनलाइन कोचिंग कर रहा था। बड़े भाई मयंक रावत के मुताबिक आशीष का शव नॅायलान की रस्सी से लटका मिला। यह खबर आप बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट इन पर पढ़ रहे हैं। शोर होने पर पिता महादेव और मां सुशीला देवी दूसरी मंजिल पर बने कमरे में पहुंचे। फंदे से शव उतारते हुए रहीमाबाद पुलिस को सूचना दी गई। मां सुशीला के मुताबिक 28 सितंबर 2022 को विपक्षी श्यामलाल ने आशीष व मयंक के खिलाफ मारपीट, गालीगलौज, धमकी देने और घर में घुस कर चोट पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी विवेचना दरोगा राजमणि पाल के पास थी। आरोप है कि श्यामलाल ने विपक्षी नन्दू विश्वकर्मा के कहने पर मुकदमा दर्ज कराया था।

सुसाइड नोट भ्रष्ट है रहीमाबाद थाना

कमरे से मिले सुसाइड नोट में आशीष ने लिखा है कि रहीमाबाद थाना भ्रष्ट है। दरोगा ने बात करने के लिए थाने बुला कर सादे कागज पर साइन कराया। नन्दू विश्वकर्मा, अरविंद और श्याम के साथ दरोगा राजमणि, लल्लन पाल और सिपाही मोहित ने साजिश रची है। आशीष ने मौत का जिम्मेदार पुलिस कर्मी और विपक्षियों को बताया है। एसीपी मलिहाबाद ने बताया कि सुसाइड नोट की हैण्डराइटिंग की जांचकराई जाएगी।

50 हजार दो तभी धारा हटेगी

सुशीला के अनुसार केस दर्ज होने के बाद से ही दरोगा राजमणि, लल्लन पाल और सिपाही मोहित शर्मा अक्सर घर आकर रुपये की मांग करते थे। मुकदमे में लगी धारा 452 (घर में घुस कर चोट पहुंचाना) हटाने के बदले 50 हजार रुपये मांगे थे। बेटों को बचाने के लिए 20 हजार रुपये देने की बात कही, जिसके लिए तैयार नहीं हुए और चार्जशीट लगा कर कोर्ट भेज दी।

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