राहत: यूपी में महंगी नहीं होगी बिजली

04 साल से नहीं बढ़ीं बिजली दरें

18-23 फीसदी बढ़ोतरी का था प्रस्ताव

 लखनऊ:- उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने लगातार चौथे साल बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की है। वर्ष 2023-24 के लिए बिजली कंपनियों के सालाना खर्चे और बिजली दरों पर आयोग ने अपना फैसला गुरुवार को सुनाया, जिसमें कंपनियों द्वारा दरों में 18 से 23 फीसदी तक वृद्धि के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया गया।

नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड के कार्यक्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली दरों में 10 फीसदी छूट की सुविधा को आयोग ने इस साल भी जारी रखने का आदेश दिया है। करीब 35 हजार बिजली कर्मचारियों को भी अब आम उपभोक्ता की तरह अपने घर पर मीटर लगाना होगा।

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह, सदस्य बीके श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह की पूर्ण पीठ ने बिजली दरें व वर्ष 2021-22 के टू-अप पर अपना फैसला सुनाया। स्मार्ट मीटर खरीद का खर्च उपभोक्ताओं पर नहीं: बिजली दरें बढ़ने का सबसे बड़ा कारण स्मार्ट मीटर खरीद में होने वाली 25 हजार करोड़ की धनराशि को उपभोक्ताओं से वसूला जाना हो सकता था। चेयरमैन आरपी सिंह ने स्पष्ट कर दिया था कि स्मार्ट मीटर खरीद का भार राज्य के उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा क्योंकि वे कनेक्शन लेते समय मीटर चार्ज दे चुके हैं।

"मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिजली उपभोक्ताओं को पर्याप्त और निर्बाध बिजली देने के साथ सस्ती बिजली देने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। नये उत्तर प्रदेश के निर्माण की दिशा में ऊर्जा विभाग अग्रणी भूमिका निभा रहा है।" 

- एके शर्मा, ऊर्जा मंत्री