विभागीय लापरवाही से फंसा 6203 शिक्षकों का वेतन

विभागीय लापरवाही से फंसा 6203 शिक्षकों का वेतन


सिद्धार्थनगर:- परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का वेतन बैंक खाते में होली पर भी नहीं आया। इसके पीछे आयकर गणना प्रपत्र वित्त एवं लेखा कार्यालय में प्रस्तुत न होना है। जबकि वित्त एवं लेखाधिकारी ने सभी बीआरसी को पत्र जारी कर समय से आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

जनपद में परिषदीय 2262 स्कूल संचालित है। इनमें पढ़ाई के लिए 6203 शिक्षकों की तैनाती है। विभाग की ओर से सभी को प्रत्येक माह की 10 तारीख तक वेतन मिल जाता है। पर इस बार मार्च में भी फरवरी का वेतन भुगतान अब नहीं हो पाया है। इसके पीछे आयकर कटौती का न होना है। वेतन न मिलने से जहां शिक्षकों की होली फीकी रही वहीं तमाम शिक्षक बैंकों से लिए गए कर्ज की किस्त का भुगतान नहीं कर पाए। जीवन बीमा, आयकर बचत, घर खर्च और दवाई तक के इंतजाम के लिए सभी परेशान हैं। बीएसए ने बताया कि वेतन भुगतान के लिए आवश्यक प्रपत्र जल्द ही वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करा दिया जाएगा।

सिर्फ मिळवल ने भेजा है कागजः वेतन भुगतान के लिए आवश्यक आयकर गणना प्रपत्र सिर्फ मिठवल ब्लाक क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों का वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय को प्राप्त हुआ है। जबकि खुनियाव, बांसी, लौटन, बर्डपुर, शोहरतगढ़ आदि ब्लाकों से यह दस्तावेज अभी तक कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है।

बीएसए कार्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी निलोत्पल चौबे ने बताया कि आयकर गणना प्रपत्र प्रस्तुत करने के लिए सभी ब्लाक कार्यालयों को दो बार नोटिस भेजी गयी थी। आयकर से जुड़ा विवरण न मिलने की वजह से वेतन भुगतान मे विलंब हुआ है।

राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ के जिलाध्यक्ष आदित्य शुक्ला का कहना है कि होली जैसे पवित्र त्यौहार पर शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो पाया। जबकि सभी बीआरसी पर पर्याप्त स्टाफ की तैनाती है। आयकर गणना प्रपत्र समय से जमा न करने वाले कर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिये।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राधारमण त्रिपाठी ने कहा कि वित्त एवं लेखाधिकारी से बुधवार को मिलकर वेतन भुगतान की मांग की गयी है। यदि दो दिन में भुगतान नहीं हुआ तो संगठन चुप नहीं बैठेगा।