UPTET : गुजर गए एक साल, 6.6 लाख को टीईटी प्रमाणपत्र का अब तक इंतजार, इस वजह से प्रमाणपत्र पर है रोक

UPTET : गुजर गए एक साल, 6.6 लाख को टीईटी प्रमाणपत्र का अब तक इंतजार, इस वजह से प्रमाणपत्र पर है रोक

प्रयागराज:- उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2021 हुए सालभर बीत चुके हैं, लेकिन इसमें सफल 6.60 लाख अभ्यर्थियों को आज तक प्रमाणपत्र नहीं मिल सका है। 23 जनवरी 2022 को आयोजित टीईटी का परिणाम आठ अप्रैल को घोषित किया गया था। जिसमें 660592 अभ्यर्थी पास हुए थे। हालांकि प्रमाणपत्र वितरित होने से पहले कुछ डीएलएड अभ्यर्थियों ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका कर दी थी।

डीएलएड अभ्यर्थियों का कहना है कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए बीएड डिग्रीधारी अर्ह नहीं है इसीलिए उन्हें प्राथमिक स्तर की टीईटी का प्रमाणपत्र नहीं दिया जाना चाहिए। राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्तर की शिक्षक भर्ती के लिए अर्ह नहीं माना था। जिसे लेकर याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सितंबर में बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने प्रमाणपत्र बांटने की तैयार कर ली थी, लेकिन अधिवक्ताओं की राय के बाद प्रमाणपत्र वितरण कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक टाल दिया गया है। जिसका नतीजा है कि टीईटी के प्रमाणपत्र चार महीने से अधिक समय से परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज में धूल फांक रहे हैं।

● बीएड और डीएलएड के विवाद के कारण फंसा प्रमाणपत्र

● परीक्षा नियामक ने सितंबर में प्रमाणपत्र देने की तैयारी की थी

कदम-कदम पर अड़चनें झेल रहे बेरोजगार

बेरोजगारों को एक के बाद दूसरी अड़चन झेलनी पड़ रही है। पहले तो कोरोना के कारण 2020 में टीईटी नहीं हो सकी। 2021 में टीईटी 28 नवंबर को पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त करनी पड़ी। उसके बाद 23 जनवरी 2022 को परीक्षा हुई तो बीएड-डीएलएड के झगड़े के कारण प्रमाणपत्र फंसा हुआ है।

टीईटी में 6.60 लाख अभ्यर्थी हुए हैं पास

आठ अप्रैल 2022 को घोषित टीईटी के परिणाम में 6.60 लाख अभ्यर्थी पास हुए थे। 23 जनवरी को आयोजित प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए पंजीकृत 12,91,628 अभ्यर्थियों में से 11,47,090 परीक्षा में सम्मिलित हुए और उनमें से 4,43,598 (38.67 या 39 प्रतिशत) पास थे। उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए पंजीकृत 8,73,553 अभ्यर्थियों में से 7,65,921 परीक्षा में सम्मिलित हुए। इनमें से 2,16,994 (28.33 या 28 प्रतिशत) पास हुए।