बीएलओ ने मतदाताओं के नाम बदलने और हटाने की स्थिति दिखाई जीरो, चुनाव आयोग ने पकड़ी गलती
ललितपुर जिले में विधानसभा चुनाव से पहले चले मतदाता पुनरीक्षण अभियान में बीएलओ ने जमकर मनमानी को लखनऊ स्तर पर इसकी समीक्षा की गई, तो पाया गया कि कई बीएलओ ने पुनरीक्षण अभियान के अंतिम दौर में अपने क्षेत्र में काम किया और कई ने मतदाताओं के नाम बदलने और हटाने के फार्म शून्य दिखाकर पोर्टल पर अपलोड करा दिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ ने ऐसा करने वाले बीएलओ से पांच पांच फार्म जमा कराने के लिए कहा है। साथ ही प्रमाणपत्र भी मांगा है। जिले में फरवरी में हुए विस चुनाव से पहले दिसंबर में निर्वाचन आयोग ने
जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलवाया था। इसमें नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, हटाने और संशोधित करने का काम किया गया। मगर ओएलओ ने इसमें जमकर मनमानी की।
आयोग को इसे लेकर शिकायतें मिली, तो लखनक स्तर से समीक्षा की गई जिसमें जिले में हुए काम की स्थिति असंतोषजनक पाई गई। समीक्षा में पाया गया कि ओएलओ ने अपने बूथ क्षेत्र में नाम संशोधन और नाम हटाने के फार्म शून्य दिखाए है जिसे पोर्टल पर अपलोड भी करा दिया गया।
इसे लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि सभी बीएलओ को तहसील स्तर पर समीक्षा की जाए। साथ ही बीएलओ को मिले नाम बदलने, हटाने और जोड़ने के सभी फार्म पोर्टल पर अपलोड किए जाएं। उन्होंने कहा कि बीएलओ से प्रमाणपत्र भी लिया जाएगा कि उनकी बूध सीमा में कोई भी नाम हटाने और बदलने का काम शेष नहीं है। अफसर इसे तहसील के ऑपरेटरों की गलती बता रहे हैं।