परिषदीय शिक्षकों के ऑनलाइन वेतन प्रक्रिया के चार चरण, चारों चरणों को विस्तृत जाने

परिषदीय शिक्षकों के ऑनलाइन वेतन प्रक्रिया के चार चरण, चारों चरणों को विस्तृत जाने

शिक्षकों को वर्तमान में ऑनलाइन प्रक्रिया से वेतन का भुगतान किया जाता है।जो कुल चार चरणों में सम्पन्न होती है।चारों चरण के मुख्य स्तम्भ हैं क्रमशः- 

01-प्रधानाध्यापक, 02-बी ई ओ, 03-वित्त एवं लेखाधिकारी, 04-मुख्य/वरिष्ठ कोषाधिकारी।

ध्यातव्य हो कि वेतन पूर्व माह के 21 तारीख से वर्तमान माह के 20 तारीख तक के उपस्थिति पत्रक के आधार पर दिया जाता है।


सभी के कार्य और समयसीमा निम्नवत है:-

✳सर्वप्रथम प्रधानाध्यापक अपने स्कूल के सभी शिक्षकों की उपस्थिति लॉक करते हैं।यही वेतन का मूलाधार होता है। समय सीमा -21 से 25 तारीख।

✳द्वितीय स्तर पर वेतन खण्डशिक्षाधिकारी कार्यालय के पास आता है।प्रधानाध्यापक द्वारा लॉक किये गए डेटा को बी ई ओ चेंज नही कर सकते।

लेकिन बी ई ओ स्तर पर कई महत्वपूर्ण परिवर्तन बिल में किये जा सकते हैं।जैसे, किसी के ऊपर हुई कार्यवाही, आयकर कटौती, जीपीएफ कटौती, करना, एन०पी०एस०/नॉन एन पी एस श्रेणी का निर्धारण करना, वेतन वृद्धि लगाना आदि।

इसमें कुछ कार्य या तो स्वयं कर सकते हैं अथवा संशोधन बनाकर लेखाधिकारी कार्यालय को प्रेषित कर देते हैं। इसके लिए समय सीमा (26 से 28 तारीख)

03- तृतीय चरण में बिल ऑनलाइन वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय पहुंचता है। यहाँ बी ई ओ द्वारा प्रस्तुत किये गए संशोधनों यथा- आयकर, वेतन अवरुद्ध, या अन्य कार्य किये जाते हैं । बगैर बी ई ओ द्वारा प्रमाणित संशोधनों के ए ओ आफिस बिल में स्वयं कोई भी वेरिएशन नही कर सकता। समय सीमा (29 से बिल कोषागार भेजने तक।)

✳मानव सम्पदा का कार्य यहीं से समाप्त हो जाता है।यहां से ट्रेज़री सॉफ्टवेअर द्वारा बिल डाउनलोड कर कोषागार को ऑफलाइन भेजा जाता है ।ततपश्चात धनराशि सम्बन्धित के खाते में चली जाती है।

✳ महत्वपूर्ण–लेखाधिकारी स्तर से जब सैलरी लॉक कर दी जाती है तो उसमें कोई भी संशोधन नही किया जा सकता। लेकिन यदि कोई गम्भीर त्रुटि हो गयी हो और बी ई ओ द्वारा उसे संशोधित किये जाने का अनुरोध किया जाता है ,तो उसे संशोधन करने हेतु लखनऊ तकनीकी निदेशक मानव सम्पदा के पास मेल करना होता है। तब एन आई सी की टीम सैलरी को पुनः अनलॉक करती है जिसमे 24 to 48 hrs कम से कम लग जाते है।इसके बाद लेखा कार्यालय द्वारा पुनः वेतन डिलीट करके बी ई ओ द्वारा प्रस्तुत संशोधनों को अप्लाई किया जाता है और वेतन पुनः लॉक किया जाता है।

✳ वेतन वृद्धि बी ई ओ द्वारा और डी ए लखनऊ की तकनीकी टीम द्वारा ही फिक्स किया जाता है।