पुलिस हिरासत में शिक्षक की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज

पुलिस हिरासत में शिक्षक की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज

मृत शिक्षक की पत्नी और दो उसके भाइयों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज

- एसआईटी की जांच में सभी दोषी पाए गए

लखनऊ:- कन्नौज की तिर्वा कोतवाली में पुलिस हिरासत में शिक्षक की मौत के मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत चार पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी मामले में मृत शिक्षक की पत्नी और उसके दो भाइयों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। सातों लोग एसआईटी की जांच में दोषी पाए गए हैं।

एसआईटी के लखनऊ ग्रामीण थाने में यह मुकदमा 21 जून को दर्ज किया गया। जांच में पाया गया कि तत्कालीन इंस्पेक्टर ने शिक्षक को अवैध रूप से थाने में हिरासत में रखा और उनकी लापरवाही से शिक्षक ने आत्महत्या कर ली। शिक्षक का शव थाने के शौचालय में पाया गया था।

जालौन के गिधौंसा के रहने वाले शिक्षक पर्वत सिंह 20 मार्च 2020 को तिर्वा कोतवाली के सुक्खापुर्वा गांव में अपनी ससुराल में आए थे। वह अपनी पत्नी नीरज सिंह को वापस घर ले जाने के लिए आए थे। रात में पत्नी और ससुराल वालों से उनका विवाद हो गया। पत्नी की शिकायत पर तिर्वा पुलिस ने पर्वत सिंह को हिरासत में लेकर हवालात में डाल दिया।

भोर में कोतवाली के शौचालय में पर्वत सिंह का फांसी के फंदे पर लटकता शव मिला। पर्वत सिंह के पिता श्रीराम सिंह ने बहू नीरज सिंह और उसके दो भाइयों प्रगति कुमार और शिशिर कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। मामला तूल पकड़ने के बाद इसकी जांच सीबीसीआईडी को दे दी गई थी।

सीबीसीआईडी ने तत्कालीन तिर्वा कोतवाली प्रभारी त्रिभुवन प्रसाद वर्मा, हेड मोहर्रिर राधेश्याम, पहरेदार कांस्टेबल अरुण कुमार और मामले के विवेचक तत्कालीन सदर कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर विकास राय के खिलाफ बगैर एफआईआर दर्ज कराई थी। विवेचक पर आरोप था कि उसने बिसरा रिपोर्ट का इंतजार किए बगैर ही फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।

आरोपी इंस्पेक्टर त्रिभुवन की याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एसआईटी गठित कर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने के आदेश दिए थे। अब एसआईटी ने भी अपनी जांच में पाया कि आरोपी इंस्पेक्टर त्रिभुवन ने शिक्षक को अवैध रूप से थाने में हिरासत में रखा था और उनका मेडिकल तक नहीं कराया था। जांच में पाया गया कि हेड मोहिर्रर राधेश्याम ने बिना विधिक कार्रवाई किए शिक्षक को थाने पर बैठाए रखा था। इसी तरह पहरेदार अरुण कुमार ने मृतक को शौचालय ले जाकर लापरवाही दिखाई, जिसमें शिक्षक पर्वत सिंह को आत्महत्या का मौका मिल गया।

एसआईटी ने चारों पुलिसकर्मियों को आईपीसी की धारा 306, 166, 342, 217 व 218 के तहत दोषी माना है। इसी तरह मृत शिक्षक की पत्नी नीरज सिंह और उसके दो भाइयों प्रगति कुमार और शिशिर कुमार को आत्महत्या के उकसाने की आईपीसी की धारा 306 के तहत दोषी पाया है। ससुरालीजनों के खिलाफ अलग से मुकदमा दर्ज किया गया है।