पोलिंग बूथ बने विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का टोटा
सुल्तानपुर:- जिले में पांचवें चरण में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। पोलिंग बूथ बने विद्यालयों में अब तक अवस्थापना सुविधाएं मुकम्मल नहीं हो सकी हैं। विकास खंड स्तर से इसके लिए सूचनाएं मंगाई गई थीं जिससे पता चला है कि 65 विद्यालयों में प्रसाधन के मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं। 164 विद्यालयों में बिजली का कनेक्शन नहीं है तो 19 में पेयजल की व्यवस्था बदतर है। जिला प्रशासन से लेकर बेसिक शिक्षा विभाग तक व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में लगा है।
विधानसभा चुनाव 2022 के लिए परिषदीय विद्यालयों को पोलिंग स्टेशन बनाया गया है। इन पर मतदान कर्मियों को एक दिन पहले ही पहुंचना होता है। रात्रि विश्राम के बाद सुबह से मतदान की व्यवस्था में जुटना होता है। शासन की ओर से पोलिंग पार्टी की सुविधा के लिए अवस्थापना सुविधाएं दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया था।
अवस्थापना सुविधाओं को दुरुस्त कराने के लिए विकास खंड स्तर से पोलिंग स्टेशनों पर कमियों के बारे में सूचनाएं मंगाई गई थीं जिससे यह पता चला है कि 65 विद्यालयों में प्रसाधन की व्यवस्था नहीं है। प्रसाधन की व्यवस्था दुरुस्त न होने से मतदान कर्मियों को असुविधा होगी।
वहीं 56 विद्यालय ऐसे हैं जहां रैंप और रेलिंग नहीं है। इनके अभाव में दिव्यांग मतदाताओं को मतदान में समस्या होगी। 19 विद्यालय ऐसे हैं जहां पेयजल के लिए मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं। हैंडपंप रिबोर की स्थिति में हैं या फिर खराब हैं। कुछ हैंडपंपों से गंदा पानी आने की भी शिकायतें हैं।
इसके साथ ही 89 विद्यालय ऐसे हैं जहां विद्युतीकरण है लेकिन विद्यालयों में बिजली के उपकरण ही नहीं हैं। वहीं 164 विद्यालय ऐसे हैं जहां बिजली का कनेक्शन ही नहीं है। इन सूचनाओं को बीएसए की ओर से जिला प्रशासन के संज्ञान में लाया गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी व जिलाधिकारी के स्तर से सुविधाओं को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं।
विद्यालयों में ग्राम पंचायत निधि से ऑपरेशन कायाकल्प योजना कई वर्षों से संचालित है। बावजूद इसके कुछ विद्यालयों में प्रसाधन एवं पेयजल व्यवस्था का न होना इस योजना पर प्रश्नचिह्न खड़े करता है। लगातार उच्चाधिकारियों की ओर से इसके संबंध में दिशा-निर्देश दिए जाते रहे हैं। इसके बाद भी कई विद्यालय ऑपरेशन कायाकल्प योजना से संतृप्त नहीं हो पाए हैं।
वहीं, बहुत से विद्यालय ऐसे भी हैं जो ऑपरेशन कायाकल्प योजना से लकदक हो गए हैं। योजना के लागू होने से विद्यालयों में छात्र संख्या में भी इजाफा हुआ है। वहीं कुछ विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों-सहायक अध्यापकों की ओर से खुद से व्यवस्था करके विद्यालयों का सौंदर्यीकरण कराया गया है।