प्रधानाचार्य भर्ती- 2013:- कोरोना व चुनाव को चयन बोर्ड ने बनाया हथियार
प्रयागराज:- हाईकोर्ट में हलफनामा देने के बावजूद 31 जनवरी तक प्रधानाचार्य भर्ती-2013 का साक्षात्कार न करा पाने पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड मुश्किल में है। कोर्ट में सुनवाई के लिए अपने जवाब में चयन बोर्ड ने कोरोना संक्रमण, संक्रमण के चलते रोटेशन में ड्यूटी लगने पर स्टाफ की कमी और चुनाव में कर्मचारियों की ड्यूटी लगने के कारण साक्षात्कार न करा पाने को आधार बनाया है। इसी आधार पर अब चुनाव बाद 31 मार्च तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है।
आठ साल से लटकी इस भर्ती को जल्दी पूरी कराने की मांग को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने याचिका लगाई है, जिस पर हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है। चयन बोर्ड इस भर्ती को पूरी कराने के लिए हलफनामा दाखिल कर 31 जनवरी, 2022 का समय पहले ले चुका है, लेकिन साक्षात्कार नहीं करा पाया। अब वह नए तर्कों को आधार बनाकर और समय मांगने की कोशिश में है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रांतीय मंत्री डा. संतोष शुक्ल ने कहा है कि भर्ती को चयन बोर्ड ने जान बूझकर लटकाया है। कोर्ट से समय मिलने पर भी भर्ती पूरी न करा पाना चयन बोर्ड की अदूरदर्शिता है। उन्होंने प्रश्न उठाते हुए कहा कि जब कोरोना संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता जैसी बड़ी परीक्षा कराई जा सकती है तो व्यक्तिगत रूप से प्रधानाचार्य भर्ती के लिए साक्षात्कार क्यों नहीं कराया जा सकता। कोरोना के कारण कार्य का समय बढ़ाकर साक्षात्कार को पूरा कराया जाना चाहिए था।
मांग की है कि चयन बोर्ड अध्यक्ष पर जुर्माना लगाकर कानूनी कार्रवाई की जाए, क्योंकि अभ्यर्थियों से प्रधानाचार्य बनने का अवसर छीना जा रहा है। लेटलतीफी का परिणाम है कि 200 से ज्यादा शिक्षक अभ्यर्थी साक्षात्कार का अवसर पाए बिना ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।