प्रदेश सरकार ने कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में जमा राशि से अधिक राशि निकालने की स्वीकृति देने के आरोप में बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह और हरदोई के बीएसए वीरेंद्र प्रताप सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं एक कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति की अवधि से अधिक समय तक कार्यरत रखने के आरोप में मेरठ के मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक राजेश कुमार श्रीवास को परिनिन्दित किया है।
बाराबंकी के बीएसए अजय कुमार सिंह ने सिद्धार्थनगर में डायट प्राचार्य एवं बीएसए पद पर तैनाती के दौरान डायट में कार्यरत कर्मचारी भरत प्रसाद को भविष्य निधि खाते में जमा राशि से अधिक राशि निकालने की स्वीकृति दी। मामले की जांच में अजय कुमार सिंह को प्रथम दृष्टया लापरवाही का दोषी माना है।
इसी प्रकार हरदोई के बीएसए वीरेंद्र कुमार सिंह ने मऊ में डायट प्राचार्य पद पर रहते हुए वहां कार्यरत भरत प्रसाद प्रधान के भविष्य निधि खाते में से जमा राशि से अधिक राशि निकालने की अनुमति दी। मामले की जांच में कोषागार निदेशक ने वीरेंद्र कुमार सिंह को लापरवाही का दोषी माना है। विभाग के विशेष सचिव आरबी सिंह ने अजय कुमार सिंह और वीरेंद्र कुमार सिंह को स्पष्टीकरण नोटिस जारी करते हुए 15 दिन में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। विशेष सचिव ने स्पष्ट किया है कि 15 दिन में जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर दोनों अधिकारियों के खिलाफ एक तरफा निर्णय लेते हुए कार्रवाई की जाएगी।
उधर, मेरठ के मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक राजेश कुमार श्रीवास ने औरेया के बीएसए पद पर रहते हुए लिपिक प्रबुद्ध कुमार सिंह की प्रतिनियुक्ति अवधि को पांच से बढ़ाकर आठ वर्ष कर दिया है। इतना ही नहीं प्रबुद्ध कुमार सिंह को उनके मूल पद पर तैनाती के लिए कार्यमुक्त करने के आदेश का भी पालन नहीं किया। मामले में राजेश कुमार की ओर से प्रस्तुत स्पष्टीकरण को उचित नहीं मानते हुए उन्हें परिनिन्दित किया गया है।