गोरखपुर:- परिषदीय स्कूलों के शिक्षक इन दिनों बच्चों को पढ़ाना-लिखाना छोड़ डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) में उलझकर रह गए हैं। बच्चों को स्वेटर, स्कूल बैग, यूनीफार्म व जूता- मोजा का पैसा 1056 रुपये खाता में भेजने के लिए डीबीटी एप पर बच्चों का ब्योरा भरा जा रहा है। जिसके चलते शिक्षकों का पूरा दिन उसी में गुजर रहा है। तकनीकी परेशानी हो रही है सो अलग। ऐसे में स्कूल खुलने के बाद भी पहले की तरह बच्चों की पढ़ाई-लिखाई नहीं हो पा रही है।ब्रह्मपुर विकास खंड के प्राथमिक स्कूल विश्वनाथपुर के शिक्षक अभय कुमार पाठक ने बताया कि कुछ अभिभावकों के आधार बैंक खाता से लिंक न होने की समस्या आ रही है, तो वहीं कुछ के आधार व बैंक खाते में नाम के अक्षरों में अंतर मिल रहा है। यही वजह है कि स्कूल के छात्र विशाल, अजीत, कुलदीप, आकाश, प्रिंस तथा अंजनी के अभिभावकों के आधार और बैंक खाते में भी इसी तरह की समस्या आई है, जिससे अभी तक उनका ब्योरा डीबीटी एप पर अपलोड नहीं हो सका है। प्राथमिक विद्यालय आराजी बसडीला के प्रधानाध्यापक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि उनके स्कूल की छात्रा रिंकी व पिंकी के अभिभावकों के आधार कार्ड भी बैंक खाता से लिंक नहीं है, जिससे अभी तक उनका ब्योरा डीबीटी पर अपलोड नहीं हो सका है। कमोवेश यही समस्या अन्य स्कूलों में भी है।
पढ़ाना-लिखाना छोड़ डीबीटी में उलझे शिक्षक, डीबीटी एप पर ब्योरा अपलोड करने में व्यस्त हुए शिक्षक, स्कूल खुलने के बाद भी बाधित हो रही पढ़ाई
October 10, 2021
सर्वर से सांसत में शिक्षकः कंप्यूटर की अनुपलब्धता की वजह से शिक्षकों को छात्रों का ब्योरा मोबाइल से डीबीटी एप पर अपलोड करना पड़ रहा है। इसमें तमाम तरह की व्यावहारिक दिक्कतें आ रही हैं। खासतौर पर नेटवर्क व सर्वर की समस्या जबकि डीबीटी में अभिभावकों के आधार को बैंक खाता के साथ प्रमाणित करना है। यह प्रकिया तीन चरणों में पूरी करनी है। प्रत्येक चरण में नेटवर्क व सर्वर की समस्या बाधक बन रही है। सर्वर के कारण नए पंजीकरण के साथ ही कुछ स्कूलों में सत्यापन में भी समस्या आ रही है। यदि किसी स्कूल में पांच शिक्षक हैं तो तीन या चार या एक ही का लाग-इन पोर्टल पर शी हो रहा है। जब तक एक प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही तब तक आगे का चरण बाधित रह रहा है।
नहीं मिल रहा होमवर्क, अभिभावक कर रहे फोन: डीबीटी का कार्य पूरा करने के चक्कर में शिक्षक इन दिनों बच्चों को होमवर्क तक नहीं दे पा रहे हैं, जिससे कई अभिभावक शिक्षकों को फोन कर होमवर्क को लेकर शिकायत दर्ज करा रहे हैं।
डीबीटी को लेकर शासन गंभीर है। शिक्षकों को इसमें किसी तरह की समस्या न आए इसको लेकर खंड शिक्षाधिकारियों व जिला समन्वयकों को ब्लाकवार जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरके सिंह, बीएसए